पटना। बिहार में अल्पसंख्यक हॉस्टल का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है। आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी ने अल्पसंख्यक हॉस्टल को अनदेखी करने का सरकार पर आरोप लगाया है। वहीँ विपक्ष ने भी इस संबंध में सरकार पर सवाल उठाया है।
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बिहार के सभी जिलों में अल्पसंख्यक हॉस्टल स्थापित करने का फैसला पिछले 17 साल पहले किया गया था। कई बार यह मामला चुनावी मुद्दा भी बना, लेकिन आज भी हॉस्टल का यह मसला हल नहीं हो पाया। दरअसल जिन जिलों में हॉस्टल का निर्माण पूरी हो गई है, वहां बुनियादी सुविधाएं नहीं दी गई है। अभी भी कई ऐसे जिला हैं जहां आज भी हॉस्टल का स्थापना एक मुअम्मा बना हुआ है।
इधर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का दावा है कि अल्पसंख्यक हॉस्टल में सभी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। राज्य मंत्री के अनुसार, जिन जिलों में हॉस्टल का स्थापना नहीं हो पाया है, इसका कारण राजद है। उनहोंने इस मुद्दे पर राजद के स्थानीय नेताओं को दोषी बताया है।
गौरतलब है कि अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री के अपना जिला बेतिया में अल्पसंख्यक हॉस्टल का निर्माण नहीं हो सका है, इसके अलावा अरवल, सीतामढ़ी, जमुई और पूर्णिया में हॉस्टल निर्माण का काम ठंडे बस्ते में पड़ा है।