सुप्रीमकोर्ट की आदेशों पर सरकार अमल करे, नफरत और भीड़ हिंसा में वृद्धि चिंताजनक

नई दिल्ली: मस्जिद फतेहपुरी के शाही इमाम मौलाना डॉक्टर मुफ़्ती मोहम्मद मुकर्रम अहमद ने आज जुमा की नमाज़ से पहले भाषण में कहा कि इस्लाम धर्म, मोहब्बत, इंसाफ, शांति और सहिष्णुता का धर्म है जिसे बदनाम करने के लिए योजनाबद्ध तरीका अपनाया जा रहा है।

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मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की रहमत थी जन्होने अपने दुश्मनों को भी माफ़ फरमाया और महिलाओं, बेवाओं, यतीमों और मजलूमों के लिए हमदर्दी का आदेश दिया। आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की उम्र शरीफ 25 साल थी तो आप ने एक शांति कमीटी कायम की थी जिसमें अरब कबीलों के सरदारों को भी सदस्य बनाया गया था और यह शांति कि पहली कमीटी थी।

उन्होंने कहा कि आज कुछ न्यूज़ चैनल और सोशल मीडिया पर इस्लाम धर्म के खिलाफ प्रोपगंडे किया जा रहा है, इंशाअल्लाह गैबी मदद आएगी, हमें धार्मिक शिक्षाओं को अपनाकर डटे रहने की जरूरत है। शाही इमाम ने कहा कि भीड़ हिंसा रोकने के लिए सुप्रीमकोर्ट ने सरकार को स्पष्ट निर्देश जारी की हैं, उनपर जल्द अमल होना चाहिए। सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में आईपीसी की धारा 153 (ए) के तहत त्वरित मुक़दमा दर्ज हो, राज्यिक सरकार पीड़ितों को मुआवजा अदा करने के लिए नीति बनाए, फ़ास्ट ट्रेक कोर्ट में केस चले और ज्यादा से ज्यादा सज़ा दी जाए और पीड़ित के वकीलों का खर्च सरकार बर्दाश्त करे और केंद्र सरकार व राज्यिक सरकार आपस में तालमेल रखें और कानून बनाया जाए।]

शाही इमाम ने कहा कि उन निर्देशों पर जल्द अमल होना चाहिए और अब तक जो भी भीड़ हिंसा के घटनाएँ हुए हैं उन पर प्रधानमंत्री के कार्यालय से कार्रवाई होनी चाहिए और आगे ऐसे घटनाए न हों उन पर सख्ती के साथ अमल किया जाए और पीड़ितों को मुआवजा दिए जाएँ।