नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश के सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को आदेश दिया है कि नए अकादमिक सत्र से छात्रों से कैश में फीस न लें। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से कहा कि वह इस बारे में सभी संस्थानों को अडवाइजरी जारी करे। मंत्रालय ने अपने आदेश में यह सुनिश्चित कराने को कहा है कि सभी यूनिवर्सिटीज में पैसों का लेन-देन का डिजिटल मोड में ही किया जाए। यूनिवर्सिटीज के हेड्स को भेजे गए दिशानिर्देश में कहा गया है, ‘संस्थान में छात्रों की फीस, एग्जाम फीस, वेंडर पेमेंट्स और सैलरी आदि का लेन-देन सिर्फ ऑनलाइन ट्रांजैक्शंस के जरिए ही होना चाहिए।’
आदेश में कहा गया है, ‘हॉस्टलों में छात्रों के लिए उपलब्ध सभी सेवाओं के लिए डिजिटल पेमेंट का ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इसके अलावा कैम्पस में मौजूद सभी कैंटीनों और अन्य संस्थानों को भी इसके लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।’ मंत्रालय ने डिजिटल पेमेंट में भी खासतौर पर BHIM ऐप के इस्तेमाल को प्रोत्साहन देने की राय दी है।
सभी यूनिवर्सिटीज को कहा गया है कि वे उन ट्रांजैक्शंस की सूची तैयार करें, जिन्हें फिलहाल कैश में ही किया जाता है। उसके बाद उन्हें डिजिटल मोड से करने के विकल्पों पर विचार करें। यही नहीं केंद्र सरकार ने विश्वविद्यालयों को इस मकसद के लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति करने को भी कहा है। सभी विश्वविद्यालयों को डिजिटल पेमेंट से जुड़ी रिपोर्ट हर महीने यूजीसी को भेजने को कहा गया है।