चालू वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान जीडीपी ग्रोथ रेट 6.5 फीसदी रहने का अनुमान का आकड़ा जारी किया है. जबकि पिछले वित्त वर्ष के दौरान यह 7.1 फीसदी थी. केन्द्रीय सांख्यिकी विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान वित्त वर्ष की पहली छमाही में ग्रोथ रेट 6 फीसदी रही है, जबकि पहली तिमाही में ग्रोथ रेट कम होकर 5.7 फीसदी पर पहुंच गई थी. वर्तमान वित्त वर्ष में ग्रोथ रेट अगर 6.5 फीसदी रहती है तो यह चार साल का सबसे निचला स्तर होगा.
यह पूर्वानुमान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वित्त मंत्रालय 2018 के बजट की तैयारी कर रही है और ये 1 फरवरी को प्रस्तुत होगा.
इस पूर्वानुमान के मुताबिक कृषि, वनीकरण और मछली पकड़ने के क्षेत्र में विकास 2.1 प्रतिशत की उम्मीद है, जबकि इन क्षेत्रों में पिछले साल 2016-17 में 4.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी. वहीं, विनिर्माण क्षेत्र में 4.6 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है, जबकि 2016-17 में 7.9 प्रतिशत दर्ज की गई थी. वित्तीय, रियल एस्टेट और प्रोफेशनल सर्विसेज सेक्टर में वृद्धि 7.3 फीसदी से बढ़ने की उम्मीद है जो 2016-17 में 5.7 फीसदी दर्ज की गई थी.