नई दिल्ली: मूर्तियों के तोड़फोड़ पर रोक लगाने के लिए मोदी सरकार की ओर से जारी हिदायत पर शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कहा कि हालात पर काबू पाने के लिए सरकार की ओर से प्रशासन को ज़िम्मेदार करार देना अच्छा क़दम है। लेकिन यह क़दम उस समय भी उठने चाहिए कि जब भीड़ के हमले में बेगुनाह लोग मारे जाते हैं।
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और जब साम्प्रदायिक दंगे में लोगों की हत्या की जाती है। गौरतलब है कि त्रिपुरा में भाजपा की सरकार आते हुए पहले भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से लेनिन की मूर्ति तोड़ी गई और उसके तुरंत बाद तमिलनाडु में दलित समाज के कार्यकर्ता पेरियार की मूर्ति तोड़ी गई। जबकि मेरठ में भीमराव अम्बेडकर की मूर्ति पर कालिख पोत दी गई थी।
इस पूरे घटना से राष्ट्रीय राजनीति में हंगामा बरपा हो गया था जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि अगर अब कहीं किसी की मूर्ति तोड़ी गई तो इसके लिए डीएम और एसपी तैयार होंगे।