सरकारी विज्ञापनों पर किए गए खर्च में 46 मिलियन बच्चे मिड डे मिल खा सकते हैं

एक साल के लिए 45.7 मिलियन बच्चों के लिए दोपहर का भोजन। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत 200 मिलियन श्रमिकों के लिए एक दिन की मजदूरी।

लगभग 6 मिलियन नए शौचालय और कम से कम 10 और मंगल मिशन। इन सभी योजनाओं के प्रचार के लिए वर्तमान राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार ने चार वर्षों में भारी रकम खर्च की है।

भारतीय जनता पार्टी की अगुआई वाली सरकार ने राज्यसभा (संसद के ऊपरी सदन) को सूचना और प्रसारण के लिए राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राज्यवर्धन राठौर द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार अप्रैल 2014 और जुलाई 2018 के बीच 52 महीनों में अपनी प्रमुख योजनाओं के विज्ञापन पर 4,880 करोड़ रुपये (753.99 मिलियन) खर्च किए ।

37 महीने में सरकार के पूर्ववर्ती द्वारा खर्च की गई राशि दोगुनी है। कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार ने मार्च 2014 और मार्च 2014 के बीच 2,048 करोड़ रुपये (377.32 मिलियन) खर्च किए।

एनडीए ने प्रचार पर खर्च किए गए 4,880 करोड़ रुपये में से 2 9 2.17 करोड़ रुपये (7.81फीसदी) तीन साल में चार सार्वजनिक योजनाओं का विज्ञापन के लिए फसल बीमा के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, स्वच्छ भारत मिशन शहरी और ग्रामीण विकास के लिए राष्ट्रव्यापी स्वच्छता अभियान, स्मार्ट सिटी मिशन और सांसद आदर्श ग्राम योजना (संसद सदस्यों के लिए आदर्श गांव योजना) के लिए खर्च किये।