लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने एक साल से ज्यादा समय से जेल में बंद भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर उर्फ रावण को रिहा करने का आदेश जारी किया है. रावण को 2017 सहारनपुर जातीय दंगा मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानि रासुका (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया था. चंद्रशेखर को 1 नवंबर को रिहा किया जाएगा. भीम आर्मी संस्थापक चंद्रशेखर रावण पर सहारनपुर में जातीय हिंसा भड़काने का आरोप है. रावण 8 जून 2017 से सहारनपुर जिला जेल में बंद है.
Uttar Pradesh Govt orders early release from jail of Bhim Army Chief Chandrashekhar alias Ravan, who is jailed under NSA charges in connection with 2017 Saharanpur caste violence case. He would be released on November 1 pic.twitter.com/GOsnHTIsTO
— ANI UP (@ANINewsUP) September 13, 2018
रावण से रासुका हटाने के लिए प्रदर्शन
हिंसा भड़काने के आरोप में जिला प्रशासन ने रावण पर रासुका तामील कराई थी. इसके बाद जेल में बंद रावण पर लगी रासुका हटाने के लिए देश भर में प्रदर्शन किये गए थे. इतना ही नहीं कई बड़े दलित नेताओं ने दिल्ली के संसद मार्ग पर रावण के पक्ष में प्रदर्शन कर रासुका हटाने की मांग की थी. चंद्रशेखर पर लगी रासुका निरस्त कराने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी. लेकिन हाईकोर्ट ने भी याचिका को निरस्त कर दिया था.
क्या हुआ था सहारनपुर में?
सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में पांच मई 2017 को उस वक्त झड़पें शुरू हो गई थीं जब गांव के कुछ दलित निवासियों ने महाराणा प्रताप की जयंती पर एक जुलूस निकालने की इजाजत देने से इनकार कर दिया. इसे लेकर दोनों पक्षों में झड़प हुई. इसके बाद दलित समुदाय के लोगों ने शहर के गांधी उद्यान में नौ मई को एक महापंचायत करने की कोशिश की, ताकि पांच मई की झड़पों में प्रभावित हुए लोगों के लिए मुआवजे और राहत की मांग की जा सके, लेकिन जिला प्रशासन ने उन्हें महापंचायत आयोजित करने की अनुमति नहीं दी, जिसके कारण दलित समुदाय सड़कों पर उतर गया. फिर हुई हिंसा में दलित प्रदर्शनकारियों ने शहर में कथित तौर पर एक पुलिस चौकी और एक दर्जन से ज्यादा बाइकों को आग के हवाले कर दिया.