GST का असर पड़ सकता है आपके सैलरी पर, जानिए कैसे?

अब आपकी सैलरी पर जीएसटी का असर दिखने जा रहा है? इकोनॉमिक टाइम्स ने दावा किया है कि इस असर के चलते देशभर की कंपनियां अपने कर्मचारियों के सैलरी पैकेज में बड़े बदलाव की तैयारी में हैं क्योंकि अब कर्मचारी की सैलरी का ब्रेकअप कंपनियों पर भारी पड़ेगा. शॉपिंग और रेस्टोरेंट बिल के बाद ये और बड़ा झटका होगा.

हाउस रेंट, मोबाइल और टेलिफोन बिल, हेल्थ इंश्योरेंस, मेडिकल बिल, ट्रांस्पोर्टेशन जैसे सैलरी का ब्रेकअप यदि जीएसटी के दायरे में आ जाएगा तो कंपनियों को आपकी सैलरी पैकेज को नए सिरे से निर्धारित करना होगा.

टैक्स जानकारों ने कंपनियों को सलाह देना शुरू कर दिया है कि वह अपने एचआर डिपार्टमेंट को कर्मचारी के सैलरी ब्रेकअप को नए सिरे से समझने के लिए कहे. गौरतलब है कि अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग (एएआर) के हाल में दिए एक फैसले के बाद कंपनियां कर्मचारी की सैलरी को लेकर सजग हो गई हैं और वह अपनी टैक्स देनदारी बचाने के लिए नए सैलरी ब्रेकअप पर काम कर रही हैं.

गौरतलब है कि एएआर ने एक खास मामले में फैसला दिया है कि कंपनियों द्वारा कैंटीन चार्जेस के नाम पर कर्मचारी की सैलरी से कटौती जीएसटी के दायरे में होगी. इस फैसले के बाद जानकारों का मानना है कि कंपनियों द्वारा कर्मचारियों की दी जा रही कई सुविधाएं जिसके ऐवज में सैलरी में कटौती की जाती है को जीएसटी के दायरे में कर दिया जाएगा.

फिलहाल कंपनियां कर्मचारी को कॉस्ट टू कंपनी के आधार पर सैलरी पैकेज तैयार करती थी और कई सेवाओं के ऐवज में कटौती को सैलरी का हिस्सा बनाकर दिया जाता है. लेकिन अब यदि इसे जीएसटी के दायरे में लिया जाता है तो कंपनियां किसी कर्मचारी की कॉस्ट टू कंपनी को ही आधार रखते हुए उसके ब्रेकअप में बदलाव करेंगी जिससे कंपनी की टैक्स देनदारी पर कोई प्रभाव न पड़े.