GST के साल: मोदी सरकार मनायेगी जश्न, कारोबारियों ने किया विरोध का ऐलान!

आज जीएसटी एक साल का हो गया। मोदी सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून के एक साल पूरा होने के अवसर पर जश्‍न मनाएगी। नई कर प्रणाली को आज जीएसटी दिवस के रूप में मनाया जाएगा। दूसरी तरफ देश के कई अहम राज्‍यों के कारोबारी इसके विरोध में बाजार बंद रखेंगे और नई कराधान प्रणाली का विरोध करेंगे।

दिल्ली के जनपथ स्थित डॉक्टर अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में सुबह 11 बजे जीएसटी की सफलता का जश्न मनाया जाएगा। केन्द्रीय रेल, कोयला, वित्त एवं कारपोरेट कार्य मंत्री पीयूष गोयल इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे जबकि वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला इस अवसर पर उपस्थित होंगे।

केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लोगों को संबोधित करेंगे। जीएसटी को लेकर अपने अनुभव सभी से साझा करेंगे।

एक तरफ जहां व्यापारी जीएसटी का विरोध कर रहे हैं वहीं उद्योग और कर विशेषज्ञों का कहना है कि इस अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था से आगे चलकर राजस्व में सुधार होगा।

एसोचैम के अध्यक्ष संदीप जाजोदिया ने कहा कि ऐसी आशंकाएं कि जीएसटी से महंगाई बढ़ेगी और उद्योग की आपूर्ति श्रृंखला में बाधा आएगी, अब दूर हो चुकी हैं। कीमतों में जो भी बढ़ोतरी हो रही है वह कच्चे तेल और खाद्य मूल्यों के दबाव की वजह से है।

केंद्र सरकार जहां आज जीएसटी दिवस मनाएगी वहीं इसके विरोध में व्यापारियों ने देश में अलग-अलग जगह विरोध जताएंगे। कारोबारियों ने जीएसटी के खिलाफ आज विरोध दिवस मनाने का निर्णय लिया है। कानपुर में व्यापारियों ने अनोखे तरीके से जीएसटी का विरोध किया।

वहां के कारोबारी घंटाघर के पास भारत माता की मूर्ति के पास इकट्ठा हुए और घंटियां बजाकर विरोध जताया। हाथ में ली गई तख्तियां बता रही थीं कि वो जीएसटी की खामियों का विरोध कर रहे हैं।

घंटी और घड़िया के साथ विरोध के पीछे व्यापारियों का तर्क है कि साल भर पहले मोदी सरकार ने जीएसटी को लागू करने का ऐलान घंटा बजाकर किया था।

अब वो उनके ही तरीके से घंटियां बजाकर कह रहे हैं कि सरकार जीएसटी की मुश्किलों और खामियों को दूर करे। व्यापारियों की शिकायत है कि आज भी व्यापारियों के ऊपर छापेमारी की जा रही है।

गुजरात के सूरत में भी जीएसटी की सालगिरह का उत्साह नहीं दिखा। हीरा और कपड़ा दोनों ही व्यापारियों में मायूसी नजर आई। कोयंबटूर में भी जीएसटी के पहले जन्मदिन का स्वागत नहीं हुआ।