नई दिल्ली। वित मंत्री अरूण जेतली ने आज कहा कि जी.एस.टी. लागू होने के बाद लोगों को शुरु में कुछ परेशानियां हो सकती हैं लेकिन इस नयी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था से कर चोरी कम करने और महंगाई रोकने में मदद करेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटी परिषद अचल संपाि कारोबार को अगले साल तक नयी कर प्रणाली के दायरे में लाने पर विचार करेगी तथा नयी व्यवस्था में एक दो साल में पेट्रोलियम उत्पादों पर कराधान के बारे में भी समीक्षा की जाएगी।
उन्होंने कहा, शुरु में लोगों को कुछ परेशानियां हो सकती हैं क्योंकि किसी भी बदलाव की अपनी कुछ परेशानियां होती हैं लेकिन यह दूर होंगी तथा देश नयी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था से लाभान्वित होगा।
जी.एस.टी. पर राज्यों के साथ चर्चा के दौरान पेट्रोलियम और शराब जैसे मुद्दों पर कुछ कड़ा विरोध था क्योंकि राज्य अपना कराधान अधिकार छोड़ने को अनिच्छुक थे।
उन्होंने कहा, यदि हमने उस पर जोर दिया होता है तो सहमति नहीं बन पाती। संविधान संशोधन के तहत पेट्रोलियम उत्पादों पर जी.एस.टी. के तहत कर , जब भी जी.एस.टी. परिषद तय करे, लगाया जा सकता है ।
जी.एस.टी. लागू होने के बाद एक दो साल में परिषद को इस पर पुनर्वचिार का फिर मौका मिलेगा। जेटली ने कहा कि वह व्यक्तिगत रुप से दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा रीयल एस्टेट को जी.एस.टी. के दायरे में लाने के प्रस्ताव पक्ष में थे लेकिन कुछ अन्य राज्य इसके पक्ष में नहीं थे।