GST लोगों के बीच ‘बुरा शब्द’ बनकर रह गया है-

पूर्व वित्त मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने जीएसटी प्रणाली की पहली वर्षगांठ पर इस को लेकर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने इसे लोगों पर कर बोझ बढ़ाने वाला ‘आरएसएस कर’ बताया और कहा कि जीएसटी लोगों के बीच ‘बुरा शब्द’ बनकर रह गया है।

चिदंबरम ने कहा, ‘यह वास्तविक जीएसटी नहीं है, यह कुछ अलग ही मामला है।’ उन्होंने कहा, ‘जीएसटी का मतलब केवल एक कर दर होना है। अगर इसमें कई दरें है तो इसे ‘आरएसएस कर’ कहिए। इसमें कोई दोराय नहीं है कि जीएसटी का अभी आर्थिक वृद्धि पर कोई सकारात्मक असर नहीं दिखाई दिया है।’

पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, ‘जीएसटी का डिजाइन, ढांचा, दर तथा जीएसटी का कार्यान्वयन इतना दोषपूर्ण है कि यह कारोबारी इकाइयों, व्यापारियों, निर्यातकों तथा आम लोगों के बीच ‘बुरा शब्द’ बनकर रह गया है।’ उन्होंने कहा कि जीएसटी को लेकर अगर कोई एक वर्ग खुश है तो वह कर प्रशासन है जिसे इतने अधिक अधिकार मिल गए हैं कि आम कारोबारी व नागरिकों में ‘डर’ है।