मॉब लिंचिंग पर गुजरात सरकार करेगी सख्त कार्रवाई, किया विशेष अधिकारी नियुक्त!

लिचिंग को लेकर गुजरात सरकार अब सख्त रुख अपनाने जा रही है। बता दें कि कल गुजरात सरकार के द्वारा एक प्रेस नोट जारी कर भीड़ द्वारा की जा रही हिंसा पर सख्त कदम उठाए जाने की बात कही गई है।

गौरतलब है कि देश में कई जगहों पर भीड़ की ओर से हत्या करने की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए सभी राज्यों को विशेष दिशा निर्देश दिए हैं। ऐसे में राज्य सरकार ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि मॉब लिंचिंग की घटना को गंभीर अपराध माना जाएगा।

गृह विभाग के अनुसार मॉब लिंचिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। गोरक्षा या अन्य कोई कारणों में किसी भी व्यक्ति को कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। ऐसे लोगों की ओर से कानून हाथ में लेने से रोकने तथा मॉब लिंचिंग-हिंसा की घटनाओं को पूरी तरह से रोकने को लेकर गुजरात सरकार ने यह अहम निर्णय लिया है।

गृह विभाग के मुताबिक मॉब लिंचिंग के अपराधों को रोकने के लिए पुलिस अधीक्षकों और पुलिस आयुक्तों की संबंधित इलाकों में नॉडल अधिकारियों के रूप में नियुक्ति की गई है। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए इन अधिकारियों को जरूरी कार्रवाई करनी होगी।

इन घटनाओं को लेकर सोशल मीडिया या किसी अन्य माध्यम से गलत समाचारों, भडक़ाऊ भाषणों, उकसाने वाले या आपत्तिपूर्ण लेख फैलाने वालों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए) तथा अन्य कानूनों की संबंधित धाराओं के तहत शिकायत दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने तहसीन पूनावाला बनाम भारत सरकार व अन्य के मामले में मॉब लिंचिंग को लेकर आदेश जारी किया है। इसी आदेश के तहत राज्य सरकार ने गुजरात में दिशानिर्देश जारी किए हैं। गुजरात के दाहोद में गत जुलाई महीने में भीड़ ने चोरी की घटना को लेकर एक आदिवासी युवक की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी।

वहीं अहमदाबाद में एक गरीब महिला को बच्चा चोर समझकर उसकी बुरी तरह से पिटाई की गई थी जिसकी बाद में अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। यही नहीं ऐसी ही घटनाएं गुजरात के कई जिलों में सामने आई थी जहां पर बच्चा चोरी के शक को लेकर भीड़ ने कई लोगों की पिटाई की थी।

साभार- ‘न्यूज़ 24’