गुजरात: जातीय शोषण से तंग आकर मेडिकल छात्र ने की सुसाइड की कोशिश

अहमदाबाद: भाजपा शासित राज्य गुजरात में जातिवाद को लेकर एक बेहद ही शर्मनाक घटना सामने आई है। अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे एक दलित मेडिकल छात्र ने अपने साथ शिक्षकों और साथियों द्वारा किए जा रहे जातिगत भेदभाव से तंग आकर सुसाइड करने का प्रयास किया है। छात्र का नाम मरिराज बताया जा रहा है, जिन्होंने नींद की गोलियां खाकर जान देने की कोशिश की है। अभी उसकी हालत खतरे से बाहर है।

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अस्पताल में इलाज के दौरान मरिराज ने एक वीडियो के जरिए अपनी बात लोगों तक पहुंचाई। जिसमे उनहोंने अपनी तकलीफ बताते हुए कह रहा है कि मेरे टीचर न तो मुझे सर्जरी करने देते हैं और न ही मेरे साथ सामान्य व्यवहार किया जाता है। इस के अलावा मेरे साथी भी मेरे साथ यही व्यवहार करते हैं। उनहोंने कहा कि मुझसे चाय सर्व करवाई जाती है और बार-बार मेरी डिग्री चेक की जाती है। मेरे टीचरों को लगता है कि मेरी डिग्री फर्जी है।
उल्लेखनीय है कि एमएस-सर्जरी के तीसरे वर्ष के छात्र मरिराज मूल रुप से तमिलनाडु के रहने वाले हैं। उनहोंने बताया कि इस वो पहले ही इस बात को लेकर नेशनल एससी-एसटी कमीशन में शिकायत कर चुके हैं, जहां उनकी शिकायत अभी पेंडिंग है।
वहीँ मरिराज की मां ने भी एससी-एसटी कमीशन में मरिराज के शिक्षकों के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। शिकायत में कहा था कि अगर उनके बेटे के साथ कुछ गलत होता है तो बीजे कॉलेज के प्रोफेसर्स जेवी पारिख, डॉ. पार्थ दलाल और पंकज आर मोदी जिम्मेदार होंगे।
गौरतलब है कि देश को आजाद हुए भले ही 70 साल हो गए हों लेकिन जातिवाद की जड़ें अभी भी बहुत गहरी हैं. यह जातिवाद सिर्फ ग्रामीण इलाकों में ही नहीं है बल्कि पढ़े लिखे लोगों के दिमाग में और भी गहरे से भरा पड़ा है।