गुजरात के 9वीं कक्षा की हिंदी की किताब में ईशा मसीह को हैवान बताए जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। राज्य के ईसाई समुदाय ने आरोप लगाया है कि एक माह पहले उन्होंने इस गलती को लेकर राज्य सरकार को अवगत कराया था।
गुजरात कैथलिक चर्च के प्रवक्ता फादर विनायक जाधव ने बताया, “इस गलती की तरफ गुजरात स्टेट स्कूल टैक्स्ट बुक बोर्ड (जीसीसीसटीबी) अध्यक्ष को एक महीने पहले ही बताया जा चुका है।”
फादर विनायक ने कहा, “शुरुआती जांच में ऐसा लगता है कि ‘हैवान’ शब्द गलत टाइपिंग की वजह से रह गया होगा और हम उसे तुरंत सुधारे जाने की मांग कर रहे थे। जब इस बाबत हमें बोर्ड की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला तो हम ममाला यूनाइटेड क्रिश्चन फोरम के पास लेकर गए।”
उन्होंने कहा कि यहां किसी धर्म से जुड़ी बात नहीं है, शिक्षा की गुणवत्ता का सवाल है।
दरअसल, जीसीसीसटीबी की हिंदी की किताब के 16वें पाठ ‘भारतीय संस्कृति में गुरु-शिष्य संबंध’ में हैवान ईसा शब्द का इस्तेमाल हुआ है।
इसमें एक कथन में कहा गया है कि मेरे अनुयायी मुझसे महान हैं और मैं उनके जूतों में रहने के लायक भी नहीं।