2002 के गुजरात दंगों में धार्मिक स्थलों को हुए नुकसान की भरपाई मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को गुजरात हाईकोर्ट के एक फैसले को पलट दिया है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस पी.सी. पंत की बेंच ने यह फैसला सुनाया।
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट के उस आदेश को खारिज किया है, जिसमें गोधरा कांड के बाद साल 2002 के दौरान क्षतिग्रस्त हुए धार्मिक स्थलों के पुनर्नर्मिाण और मरम्मत के लिये राज्य सरकार को पैसों के भुगतान करने के लिये कहा गया था। कोर्ट के इस फैसले से राज्य सरकार को राहत ज़रूर मिली है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि किसी धार्मिक स्थल के निर्माण या मरम्मत के लिए सरकार करदाता के पैसे को नहीं खर्च कर सकती। अगर सरकार मुआवजा देना भी चाहती है तो उसे मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च आदि को उसे भवन मानकर उसकी भरपाई की जा सकती है।
वहीं याचिकाकर्ता इस्लामिक रिलीफ सेंटर के वकील ने इस दलील का विरोध करते हुए कहा कि धर्मस्थलों की सुरक्षा राज्य सरकार की ज़िम्मेदारी है। सरकार की गैरजिम्मेदारी से हुए नुकसान की उसे भरपाई करनी चाहिए। लेकिन अदालत इस दलील से सहमत नहीं हुई।
ग़ौरतलब है कि गुजरात सरकार ने योजना बनाई थी कि क्षतिग्रस्त इमारतों को ज्यादा से ज्यादा 50 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। सरकार के मुताबिक धार्मिक स्थल या मस्जिद को धर्म के नाम पर नहीं बल्कि इमारत के तौर पर मुआवजा दिया जाएगा।