23 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने केरल के कथित लव जिहाद मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि एनआईए इस लव जिहाद के बारे में जांच कर सकता है लेकिन वह किसी की शादी की स्थिति के बारे में जांच नहीं कर सकता।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चन्द्रचूड़ की पीठ को जांच एजेंसी ने बताया कि उसने न्यायलय के निर्देशों के बाद की जा रही जांच में काफी प्रगति की है। अदालत ने इसके बाद यह बात कही है। पीठ ने कहा, आप उनकी वैवाहिक स्थिति की जांच नहीं कर सकते हैं।
सबसे पहले अशोकन को इस पर विश्वास नहीं हुआ कि पीठ क्या कह रही है और आखिरकार उन्होंने फैसला किया कि वे अदालत में एक नई याचिका दायर करने जा रहे हैं। 56 वर्षीय सेनानी साल 2016 से अपनी बेटी को इस्लाम से वापस लाने के लिए जूझ रहा है।
केरल के कोट्टायम ज़िले के टीवीपुरम की अखिला अशोकन ने धर्म परिवर्तन के बाद हादिया जहां के रूप में शफीन जहां से निकाह किया था। इस मामले को हादिया के पिता अशोकन ने लव जिहाद का नाम देते हुए केरल उच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया था।
अशोकन ने आरोप लगाया कि मामले में जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया है। उन्होंने हादिया को लेकर चिंता जताई कि हादिया को आतंकवादी संगठन आईएस में शामिल होने के लिए सीरिया भेज दिया जाएगा।
दरअसल हादिया से निकाह करने वाले शफीन मस्कट में काम करते हैं और उनके माता पिता भी वहीं रहते हैं। अब सुप्रीम कोर्ट (एससी) के आदेश के बाद वह अपने पति के साथ रह सकती है। अशोकन एक याचिका दायर करने की तैयारी कर रहे हैं कि उसे देश छोड़ने की इजाजत नहीं दी जाए।