आखिरी संबोधन में उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी बोले- देश में मुस्लिम और दलितों की सुरक्षा ख़तरे में है

उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने बतौर उपराष्ट्रपति अपने आखिरी संबोधन में दलितों, मुस्लिमों और अल्पसंख्यकों के लिए चिंता जाहिर की है। साथ ही उन्होंने देश में सेक्युलरिज्म के मुल्यों को भी चिह्नित किया।

बंगलूरु में नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटी में 25वें वार्षिक समारोह में संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि देश में नागरिकों की असुरक्षा बढ़ती जा रही है। खासकर दलित, मुस्लिम और ईसाई समाज के लिए।

उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, राष्ट्रवाद का एक लिबरल रूप नहीं है। इस प्रकार का राष्ट्रवाद देश में सहिष्णुता और देशभक्ति के नाम पर घमंड़ फैलाता है।

गौरतबल है कि उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का यह बयान एनडीए उम्मीदवार एम वेंकैया नायडु के उपराष्ट्रति चुने जाने के एक दिन बाद आया। उन्होंने कहा कि देश के नागरिक के अंदर राष्ट्रप्रेम होना चाहिए।

अपने सभी विवधताओं में देश के प्रति प्रेम और स्नेह होना जरूरी है। बता दें कि हामिद अंसारी देश के 12वें उपराष्ट्रपति है, जो 11 अगस्त 2007 से इस पद पर देश सेवा कर रहे हैं।

इस साल उनका कार्यकाल 10 अगस्त को खत्म हो रहा है।