अल्पसंख्यकों की हिफाज़त करने वाला लोकतंत्र ही सफ़ल होता है: हामिद अंसारी

उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने आज कहा है कि लोकतंत्र में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा अहम होती है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि वह किस प्रकार से अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करता है।

जब तक आम लोग अल्पसंख्यकों के हक के लिए आवाज उठाते रहेंगे तब तक लोकतंत्र मजबूत रहेगा। उप-राष्ट्रपति ने यह पोलैंड के वारसा विश्वविद्यालय में छात्रों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए यह बात कही।

हामिद अंसारी ने कहा कि 3 दशक पहले एक जाने-माने समाजवादी ने भारतीय लोकतंत्र को आधुनिक विश्व में धर्मनिरपेक्ष चमत्कार और विकासशील देशों के लिए आदर्श बताया था। आजादी के 7 दशक बाद भी भारतीय लोकतंत्र का चमत्कार ऐसे लोगों के लिए उम्मीद की किरण बना हुआ है।

उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र की सफलता के बावजूद कई चुनौतियां हैं और बहुमत चाहे कितना बड़ा क्यों न हो, विपक्ष को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

अंसारी ने कहा कि यह कल्पना करना भी कठिन था कि भारत की बहुविविधता को एक देश के रूप में सुव्यवस्थित रखा जा सकता है लेकिन यह लोकतांत्रिक व्यवस्था और राजनीति के दायरे में हुआ।

हमारा संविधान सभी नागरिकों को सार्वभौम वयस्क मताधिकार प्रदान करता है और यह 1951 से लेकर 2014 तक के लोकसभा चुनाव में देखा गया है। मतदाताओं की संख्या काफी बढ़ी है।

आज आर्थिक विकास के कारण औसत भारतीयों का जीवन स्तर बेहतर हुआ है। हालाँकि इन लाभों का असमान बंटवारा हुआ है, फिर भी यह भारत के गहरे लोकतंत्र का प्रमाण है कि बाजार आधारित सुधार से नुक्सान झेलने वालों ने भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को कभी चुनौती नहीं दी।

उन्होंने कहा कि उदारीकरण समेत नई आर्थिक नीतियां लोकतांत्रिक व्यवस्था में फल-फूल रही हैं। ऐसे माहौल में भारत उच्च विकास दर दर्ज कर रहा है।

हामिद अंसारी ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था 2400 अरब डालर है जो 1991 में सिर्फ 273 अरब डालर थी। इस अवधि में हमारी प्रति व्यक्ति आय 15 गुना बढ़ी है।