मोबाइल का नेटवर्क ढूंढने के लिए जहाँ लोगों को पेड़ पर चढ़ना पड़ता है

छत्तीसगढ़: लोहत्तर क्षेत्र में नेटवर्क नहीं होने से सुरक्षा बल के जवान और दर्जनों गांव के लोग परेशान हैं। इन सभी को नेटवर्क के लिए पेड़ पर चढ़कर सिग्नल खोजना पड़ता है या 15 किमी दूर सफर तय कर दमकसा जाना पड़ता है।

इलाके में संचार व्यवस्था की मांग लगातार की जा रही है पर प्रशासन का ध्यान इस तरफ अब तक नहीं गया। एक ओर सरकार जहां डिजिटल इंडिया के नारे लगा रही है वहीं इधर लोगों को बात करने के लिए काफी मशक्कत करना पड़ रहा। लोगों ने क्षेत्र में मोबाइल टॉवर लगाने की मांग की है।

लोहत्तर में पुलिस थाना है, नक्सल उन्मूलन के लिए सुरक्षा बल तैनात है। जहां पर जवान तैनात है वहां मोबाइल टॉवर लगाने की बात कही जा रही थी पर यहां टॉवर नहीं लगा। जिससे जवान सहित क्षेत्र के लोग बेहद परेशान हैं। लोहत्तर क्षेत्र के गुमड़ी, परभेली, मोहगांव, सिलपट, पीड़चोड, हेपुरकसा सहित दर्जनों गांव हैं जहां नेटवर्क नहीं है, जिससे लोगों को बहुत परेशानी का सामना करनाा पड़ता है।

एमरजेंसी की स्थिति में नेटवर्क ढूंढने के लिए 15 से 20 किमी दूर जाना पड़ता है और कई बार पेड़ पर चढ़कर भी नेटवर्क का सिग्नल देखा जाता है। कई बार बात हो जाती है और कई बार इसके लिए घंटो समय बर्बाद करने पर भी बात नहीं हो पाती है।

ग्रामीणों के मुताबिक नेटवर्क के लिए यहां मोबाइल टॉवर लगाने कई बार जनदर्शन, मंत्री, विधायक, जन समस्या निवारण शिविरों में अर्जी लगाए पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। समस्या जस की तस बनी हुई है। केवल आश्वासन दिया जाता है, होता कुछ नहीं है।