HC ने PM के खिलाफ दी अर्जी को किया खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने कोयला खदान अलाट्मेंट मामले में सनतकार (Industrialist) कुमार मंगलम बिडला और साबिक कोयला सेक्रेटरी पी सी पारेख के खिलाफ दर्ज अर्जी में ही वज़ीर ए आज़म मनमोहन सिंह का नाम शामिल करने की हिदायत कौमी जांच ब्यूरो को देने के लिये दायर अर्जी आज खारिज कर दी।

जस्टिस आर एम लोढा की सदारत वाली बेंच ने कहा, जांच अभी भी जारी है और यह देखना सीबीआई के आफीसरों का काम है। इससे पहले, दरखास्तगुज़ार वकील मनोहर लाल शर्मा ने कहा कि इस एफआइआर में वज़ीर ए आज़म का नाम भी शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि हाल ही में उन्होंने बतौर कोयला वज़ीर इस ताल्लुक में हिन्डालको को कुदरती वसाएल मुखतस (Natural resources allocated) करने के बारे में लिये गये फैसले को सही ठहराया था।

जस्टिसो ने शर्मा से कहा, जांच अभी जारी है लेकिन आप इसके ततीजे पर पहुंचने लगे हैं। अदालत ने सीबीआई की जांच के दायरे में आये कोयला खदानों के मुख्तसो (Allocations) और जांच एजेन्सी की तरफ से एफआइआर दर्ज किये जाने को लेकर वज़ीर ए आज़म को हलफनामना दाखिल करके हालात को साफ करने की हिदायत देने के लिये दायर एक दूसरी अर्जी भी खारिज कर दी।

मनोहर लाल शर्मा ने अपनी अर्जी में कहा था कि वज़ीर ए आज़म मनमोहन सिंह वज़ारत कोयला के इंचार्ज थे और 2005 में कोयला वज़ीर के तौर पर हिन्डालको समेत मुख्तलिफ मुख्तसो को कोयला खदानें अलाटमेंट करने का फैसला किया था।

कोयला खदानों के मुख्तस को लेकर मुफाद ए आम्मा की दरखास्त दायर करने वालों में शर्मा भी शामिल हैं। उन्होंने एक दूसरी अर्जी में निजी कंपनियों को कोयला खदानें अलाटमेंट करने के लिये तमाम वुजराओं की तरफ से लिये गये सभी सिफारिशी खत भी पेश करने की हिदायत हुकूमत को देने की गुजारिश किये थे ।

शर्मा का कहना था कि कोयला खदानों के अलाट्मेंट का मामला सामने आने के बाद पहली बार वज़ीर ए आज़म ने एक अलाट्मेंट के बारे में साफ किया है। वज़ीर ए आज़म के दफ्तर ने 19 अक्तूबर को इस फैसले को सही बताते हुये इसका बचाव किया था और कहा था कि वज़ीर ए आज़म ने उनके सामने पेश मामले की मेरिट की बुनियाद पर इसे मंजूरी दी थी।