यहां जेल के अंदर गूंज रही हैं क़ुरआन की आयतें, गैर मुस्लिम भी रख रहे हैं रोज़े

हरदोई: जिला कारागार में सजा काट रहे सैंकड़ों ऐसे भी बंदी हैं जो अल्लाह को याद करते रहते हैं। यहां रमजान के महीने में जेल की काल कोठरी में लगातार कुरान की आयतें गूंज रही हैं। बता दें कि यहां नवरात्र में बंदी व्रत रखते हैं, तो अब वह रमजान के महीने में रोजा भी रख रहे है। वहीँ जेलर मृत्युंजय कुमार पांडेय ने बताया कि इस बार रमजान के महीने में जेल के अंदर 170 बंदियों ने रोजा रखा है। जिसमे कई हिन्दू भी शामिल है।

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जेलर के अनुसार, जेल की दीवारें गंगा जमुनी तहजीब पेश कर रही हैं। यहाँ हिन्दू बंदी, रोजेदारों की मदद करते हैं। वह बताते हैं कि जेल प्रशासन उन रोजेदारों की इफ्तार और सहरी का इंतजाम करा रखा है। इसके अलावा समाज सेवी संस्थाएं भी इसमें मदद करती हैं।
जेलर कहते हैं कि सहरी के लिए बंदियों को शाम को ही पूरा नाश्ता दे दिया जाता है। वहीं इफ्तार के लिए खजूर के साथ ही डेढ़ खुराक खाना दिया जाता है। उन्होंने बताया कि वैसे हर साल कई हिन्दू बंदी भी रोजा रखते हैं और रोजेदारों की पूरी मदद भी करते हैं।

रिपोर्ट्स के अनुसार रमजान में जेल में रोजेदारों के लिए किए गए खास इंतजाम में जेल प्रशासन ने एक बैरक को नमाज के लिए सुरक्षित कर दिया है। जेलर के अनुसार रोजेदार बंदी उसी बैरक में जाकर नमाज पढ़ते हैं और फिर अपनी अपनी बैरक में चले जाते हैं।

इसी प्रकार तिहाड़ जेल में भी इस साल 59 हिंदू कैदी अपने 2299 मुस्लिम कैदी साथियों के साथ रमज़ान के पवित्र महीने में रोज़ा रख रहे हैं. लेकिन इन सभी के रोज़ा रखने के सभी के अपने अलग-अलग कारण हैं. कोई इसलिए रोज़ा रख रहा है ताकि उसे समय से पहले रिहाई मिल जाए तो कोई अपने बच्चों व घर वालों की हिफ़ाजत के लिए. कुछ कैदी ऐसे भी हैं जो अपने साथी कैदियों का साथ देने के लिए रोज़ा रख रहे हैं.