इलाहाबाद: आज उच्च न्यायालय ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के हॉस्टलों मे अवैध रूप से कब्ज़ा जमाने वालों को बाहर निकालने के निर्देश दिए है। उच्च न्यायालय ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्रावासों में अवैध रूप से कब्जा जमाने लोगों को बाहर निकालने में यूनिवर्सिटी के अधिकारियों को पूर्ण सहायता उपलब्ध कराने का जिला मैजिस्ट्रेट एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया। न्यायमूर्ति आर. टंडन और न्यायमूर्ति रेखा दीक्षित की खंडपीठ ने सोमवार को अधिकारियों को यह भी कहा कि इस निर्देश का अनुपालन करने में विफल रहने की स्थिति में ये अधिकारी इस तरह का सहयोग नहीं किए जाने के कारणों का खुलासा करते हुए निजी हलफनामा दाखिल करेंगे।
अदालत ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कुलसचिव को भी यूनिवर्सिटी के उन नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया, जिसमें यह निर्धारित किया गया है कि प्रत्येक कैलेंडर वर्ष के 30 अप्रैल तक सभी छात्रावासों के कमरे खाली करा दिए जाएंगे, बशर्ते उन छात्रावासों में रह रहे विद्यार्थियों की परीक्षाएं खत्म हो गई हों। नियमों के मुताबिक, इसके बाद सभी छात्रावासों के कमरों की सफाई और पुताई की जानी चाहिए जिससे कि वे नए विद्यार्थियों के इस्तेमाल के लिए तैयार हो सकें। इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 20 अप्रैल तय करते हुए अदालत ने रजिस्ट्रार को एक रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया जिसमें इस बात का उल्लेख हो कि अवैध कब्जेदारों से छात्रावास खाली कराने के लिए क्या कदम उठाए गए। एमए के छात्र धर्मवीर सिंह की दायर याचिका पर हाईकोर्ट सुनवाई कर रही थी। याचिकाकर्ता का कहना था, कि यूनवर्सिटी के ताराचंद छात्रावास में कमरा आवंटित किए जाने के बावजूद उन्हें प्रवेश नहीं मिल रहा है क्योंकि वहां पहले से लोगों का अवैध कब्जा है। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में छात्रों की गुटबाजी इस कदर व्याप्त है कि वो शैक्षिक सत्र समाप्त हो जाने के बावजूद भी हॉस्टल खाली नहीं करते और खाली करने के नाम पर गुंडागर्दी पर उतारू हो जाते है अब देखना होगा कि यूनिवर्सिटी हाईकोर्ट केे फैसले पर कितना अमल करती है।