पूंजीपतियों के फायदे के लिए भाजपा मजदूर नेताओं की भी लिंचिंग करा सकती है: हिमांशु कुमार

लिंचिंग का अर्थ है भीड़ द्वारा पीट पीट कर मार दिया जाना,

भारत में आजकल यह बढ़ता जा रहा है,

हम सब को इसके बढ़ने के कारणों पर विचार करना चाहिए,

ताकि इसे रोका जा सके,

लिंचिंग कौन करता है,

लिंचिंग उस समुदाय के लोग करते हैं जिन्हें लगता है कि उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता,

इसलिए लिंचिंग हमेशा सत्ताधारी समुदाय के लोग करते हैं,

इस समय भारत की सत्ता द्वारा भारत के एक समुदाय हिन्दू को यह संकेत दिए जा रहे हैं कि यह सत्ता हिन्दुओं की है,

इसलिए लिंचिंग के मामलों में हिन्दू समुदाय के लोग शामिल पाए जा रहे हैं,

यह एक समुदाय को अपराधी बना दिए जाने की प्रक्रिया है,

इसके अलावा लिंचिंग के लिए घृणा का होना बहुत ज़रूरी है,

अगर कोई समुदाय घृणा से भरा हुआ ना हो तो वह किसी को पीट पीट कर मार ही नहीं सकता,

भारत में सत्ता पर बैठा हुआ दल भाजपा और उनका वैचारिक आधार संगठन राष्ट्रीय सेवक संघ हिन्दू समुदाय के भीतर मुसलमानों और ईसाईयों के खिलाफ नफरत भरने का काम लम्बे समय से लगातार कर रहा है,

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और उसके अन्य हिंदूवादी संगठन इस नफरत को जिंदा रखने के लिए मुसलमानों के खिलाफ लगातार दंगे करवाते रहते हैं,

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने मुसलमानों के विरुद्ध दंगे को राष्ट्र निर्माण जैसा पवित्र कार्य बना दिया है,

इसके साथ ही जब दंगा करके दंगाई नेता नरेंद्र मोदी और अमित शाह सत्ता पर बैठे,

उससे पूरे देश में यह सन्देश गया कि मुसलमानों के खिलाफ दंगा करना राष्ट्र निर्माण का काम है,

अगर आप ध्यान से देखें तो मुसलमानों को पीटने वाली भीड़ इस काम को बहुत पुन्य और शान का काम मानती है,

पीट पीट कर मारे जाने के बाकायदा वीडिओ बनाये जाते हैं और हिन्दुत्ववादी सोशल मीडिया ग्रुप में फैलाए जाते हैं,

इससे यह साफ़ हो जाता है कि यह माब लिंचिंग राजनैतिक फायदे के लिए जान बूझ कर करवाया जा रहा है,

इस के द्वारा बहुसंख्यक समुदाय यानी हिन्दू युवाओं को ज्यादा साम्प्रदायिक बनाया जा रहा है,

क्योंकि भाजपा तभी जीत सकती है जब हिन्दू युवा अधिक साम्प्रदायिक बन जाएँ,

माब लिंचिंग को सत्ताधारी दल द्वारा बढ़ावा दिए जाने का दूसरा कारण यह है कि भाजपा हर मुद्दे पर फेल हो रही है,

रोज़गार भयानक रूप से घट गए हैं, व्यापार चौपट हो चुका है, पकिस्तान सीमा पर भारतीय सैनिकों पर हमले पहले से भी ज्यादा बढ़ गए हैं, नेपाल तक से भारत के सम्बन्ध खराब हो चुके हैं,

ऐसे में भाजपा किसी भी राजनैतिक बहस का जवाब देने की हालत में नहीं है,

इसलिए भाजपा देश में गंभीर राजनैतिक विचार विमर्श को समाप्त कर देना चाहती है,

इसलिए भाजपा ने सोशल मीडिया पर भी विरोधियों को लिंच करने के लिए गुंडों को नौकरी पर रखा है,

जो कोई भी भाजपा सरकार की नीतियों की समीक्षा करने की कोशिश करता हैं,

या कोई विमर्श शुरू करने की कोशिश करता हैं,

तो भाजपा के यह तनख्वाह खाने वाले गुंडे आकर गाली गलौज और ऊलजलूल बातें करके पूरे विमर्श को असम्भव बना देते हैं,

ठीक यही काम सड़कों पर भी किया जा रहा है,

यह भाजपा ब्रांड राजनीति है,

लिंचिंग भाजपा की सोच समझ कर बनाई राजनैतिक गतिविधी है,

इस लिंचिंग का फायदा यह है कि भाजपा पूंजीपतियों के फायदे के लिए मजदूर नेताओं पर अपने लिंच माब द्वारा हमले करवा सकती है,

लिंचिंग द्वारा विरोधी राजनातिक कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों को डराया जा सकता है और ज़रूरत पड़ने पर मरवाया जा सकता है,

अमीर पूंजीपतियों, साम्प्रदायिक गुंडों, अमीरों की संसद और बिकाऊ मीडिया के गठजोड़ का यह नया राजनैतिक दौर है,

इससे निकलने के लिए समाज को बहुत मेहनत करनी पड़ेगी,

अन्यथा यह वाली राजनीति समाज को बुरी तरह बाँट कर बहुत खून बहा सकती है,

पड़ोसी देश से युद्ध करवा सकती है और राजनैतिक प्रगति को बहुत पीछे ले जा सकती है,

लिंच माब एक दिन में तैयार नहीं होती है इसे लम्बे समय की मेहनत के बाद तैयार किया जाता है,

इसलिए जब भी आपके आसपास लोग किसी एक समुदाय के खिलाफ नफरत भरी बातें करें तो तुरंत उन्हें सही बात बताइये,

भाजपा और संघ का सामना विचारधार के स्तर पर ही किया जा सकता है,

गलत इतिहास के सामने सही इतिहास, नफरत के सामने प्यार और मारने के स्थान पर बचाने की बात कीजिये,

हमारे दौर के युवाओं को नफरत के रास्ते से बचा कर समझदारी के रास्ते पर लाना ही इस युग का सबसे बड़ा राजनैतिक काम है,