क्या सिर्फ़ झंडा उठाने से ही देशभक्त बना जा सकता है?

देश का मतलब झंडा सेना सरकार और प्रधानमंत्री नहीं होता,

देश का मतलब होता है देश का पर्यावरण, देश के जंगल, नदी पहाड़ और देश के लोग,

कौन से लोग देश हैं?

देश के लोगों में शामिल हैं वेश्याएं, भिखारी, झुग्गी झोंपड़ी में रहने वाले, दलित, आदिवासी, किसान, छात्र औरतें,

इस सब को संविधान में मिली बराबरी और अधिकारों के लिए कोशिश करना देश प्रेम है,

लेकिन आज लोगों के संवैधानिक अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने वाले जेलों में पड़े हुए हैं,

जीएन साईं बाबा जिन्होंने आदिवासियों पर सरकार के ज़ुल्मों के खिलाफ आवाज़ उठाई आज जेल में हैं,

जीएन साईं बाबा दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं,

उनकी दोनों टांगें काम नहीं करतीं,

वे व्हील चेयर पर रहते हैं,

उन्हें अपने काम के लिए राष्ट्रपति ने सम्मानित किया,

लेकिन जब उन्होंने आदिवासियों पर होने वाले ज़ुल्मों के बारे में आवाज़ उठाई तो उन्हें फर्जी मामला बना कर जेल में डाल दिया गया,

इस समय देश भर में सरकार अमीर कंपनियों के लिए किसानों की ज़मीन छीनने के काम में लगी हुई है,

शहरों में रहने वाले लोग सोचते हैं कि कम्पनियां खुलेंगी तो हमारे बच्चों को उनमें नौकरी या ठेके मिलेंगे,

इसलिए जब कोई किसानों या आदिवासियों की तरफ से बोलता है तो शहरों में रहने वाले लोग बोलते हैं कि यह इंसान तो हमारे विकास का विरोधी है,

इसे जेल में डाल दो,

जज साहब ने जीएन साईंबाबा को उम्र कैद की सजा दे दी,

जज साहब ने अपने फैसले में कहा कि यह लोग विकास नहीं होने दे रहे,

मेरा बस चलता तो मैं इन्हें और भी कड़ी सजा देता,

अब उम्र कैद से बड़ी सजा क्या होती है आप जानते ही हैं, यानी जज साहब का बस चलता तो विकास का विरोध करने के कारण इन सामाजिक कार्यकर्ताओं को फांसी दे देते,

आप सोचते हैं ज़्यादा बड़ा देशभक्त वह है जो ज्यादा बड़ा झंडा लहराता है,

आजकल अपने को देशभक्त दिखाने के लिए बड़े बड़े झंडे लहराने की होड़ लगी हुई है,

लेकिन मैं आपसे कहता हूँ कि झंडा छाप देश भक्त बनने से कोई फायदा नहीं है,

उससे तो बस झंडा बनाने वाले व्यापारी का फायदा होगा,

इस देश के लोगों के बारे में जानो,

उनकी बुरी हालत के बारे में सवाल उठाओ,

आप भी भगत सिंह या अम्बेडकर बन सकते हैं,

सिर्फ झंडा लहराने से कोई देशभक्त नहीं बन जाता,

  • हिमांशु कुमार