गुजरात में एक हिंदुत्वादी संगठन ने धमकी दी है कि जो वकील आईएसआईएस संदिग्धों का केस लड़ेगा उसकी परिवार समेत हत्या कर दी जाएगी। ये धमकी प्रतीक भट्ट नाम के एक व्यक्ति ने दी है जो हिंदू सेना का अध्यक्ष होने का दावा करता है।
प्रतीक भट्ट ने जामनगर में रहने वाले वकील इम्तियाज कोरेजा को खुले तौर पर धमकी दी है कि अगर उन्होंने आईएसआईएस संदिग्धों के केस लेगे की कोशिश की तो उनकी हत्या कर दी जाएगी। प्रतीक का कहा है कि सभी वकीलों ने इन आईएसआईएस संदिग्धों का केस लड़ने से इंकार कर दिया है। लेकिन इम्तियाज ने उनका केस लड़ने की इच्छा जताई है।
प्रतीक ने कहा कि इम्तियाज अगर केस को लेते हैं तो इसके लिए वो खुद जिम्मेदार होंगे। प्रतीक ने वकीलों से कहा कि वह संदिग्धों को बचाने के लिए आगे न आएं, वरना हिंदू सेना उनके खिलाफ जाएगी। प्रतीक ने ये भी धमकी दी कि वह इम्तियाज के घर को आग लगा देंगे। उसने इसके लिए बकायदा एक प्रेस नोट भी जारी किया है। हालांकि घर जलाने की धमकी देने के आरोप में जामनगर बी-डिविजन पुलिस ने प्रतीक को हिसारत में लिया पर कुछ देर बाद ही उसे छोड़ दिया।
सूत्रों के मुताबिक प्रतीक भट्ट एक वकील है और बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद् से जुड़ा हुआ है। दूसरी तरफ सोमवार को राजकोट बार असोसिएशन ने एक प्रस्ताव पास किया जिसमें उनसे कहा कि कोई भी असोसिएशन का सदस्य वसीम रामोदिया और नईम रामोदिया का केस नहीं लड़े। मंगलवार को जामनगर बार असोसिएशन ने भी इसी तरह का प्रस्ताव पास किया और सभी वकीलों से संदिग्धों का केस न लड़ने का कहा।
गौरतलब है कि 27 फरवरी को गुजरात एटीएस टीम ने भावनगर से दो भाईयों को गिरफ्तार किया था। दोनों पर कथित रूप से आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट जुड़े होने का आरोप है। उन पर आरोप लगाया गया है कि दोनों की सुरेंद्रनगर के एक मंदिर में हमले करने की प्लानिंग कर रहे थे।
बता दें कि वसीम और नईम के पिता जिला स्तर के क्रिकेट अंपायर रह चुके हैं और हाल ही में सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी से उन्होंने रिटायरमेंट ली है। उनके मुताबिक, उनके दोनों बेटों ने बीसीए की है जिसमें से एक बेटा ग्राफिक्स डिजाइनर और दूसरा भावनगर में कबाड़ खरीद-फरोख्त का काम करता है। वहीं एटीएस के अधिकारियों का कहना है कि वसीम रामोदिया और नईम रामोदिया को एक अनजान आईएस हैंडलर गाइड कर रहा था, जिसके साथ मिलकर दोनों हमले करने की साजिश रच रहे थे।