गुजरात चुनाव से पूर्व आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने एक बार फिर विवादित बयान देकर सुर्ख़ियों में है। उनहोंने हिंदुत्व का राग अलापते हुए कहा कि भारत एक हिंदू राष्ट्र है, इस पर किसी का विरोध नहीं। जो भारतीय हैं, उनके पूर्वज भी यहीं के हैं, इसलिए भारत में रहने वाले सब हिंदू कहलाएंगे।
शुक्रवार की शाम इंदौर के चिमनबाग मैदान में एक कार्यक्रम ‘शंखनाद’ में बोलते हुए भागवत ने कहा “हिंदुस्तान हिंदू राष्ट्र है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि देश दूसरे धर्म वालों का नहीं है। जो भारतीय हैं, जिनके पूर्वज इस भूमि के हैं, सब हिंदू ही कहलाएंगे, इसलिए इसे हिंदुत्व कहा जाता है, हिंदूज्म नहीं।
उनहोंने अन्य देशों का मिशाल पेश करते हुए कहा कि जैसे जर्मनी में रहने वाला हर नागरिक जर्मन, अमेरिका में रहने वाला अमेरिकन है, वैसे ही हिंदुस्तान में रहने वाला हर व्यक्ति हिंदू है।
उनहोंने भारतीय संस्कृति के ऊपर चर्चा करते हुए कहा की विविधता के बावजूद भारत में आंतरिक तौर पर निरंतर एकता का प्रवाह चला आ रहा है। मिलकर चलने और उत्कर्ष प्राप्त करने को ही धर्म कहा गया है।
इस दौरान भागवत विकास और स्वच्छता जैसे मसलों पर भी बोलने से नहीं चूके। उनहोंने लोगों को “शेर” और “जंगल” का मिशल देते हुए समझाने का प्रयास किया।
भागवत ने इशारों में कई स्थानों पर बल के इस्तेमाल से बदलाव की कोशिश पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कोई भी डंडे के बूते परिवर्तन नहीं ला सकता। भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए आचरण, विचार, दृष्टि में बदलाव लाना होगा।