नई दिल्ली। अमरीका के पढ़े 32 वर्षीय मोहम्मद आज़म पर बच्चा चोरी के शक में भीड़ ने हमला बोल दिया जिससे उनकी मौत हो गई। फ़र्ज़ी अफवाहों पर आजम की हत्या क्रूरतापूर्वक की गई। मोहम्मद आज़म के आखिरी क्षण भयभीत करने वाले थे। भीड़ ने बेरहमी से उसकी हत्या कर दी थी।
ग्रामीणों ने पेड़ सड़क पर गिराकर रास्ता रोक लिया जिससे बचने के लिए गाड़ी चला रहे आजम ने गाड़ी की रफ्तार बढ़ाकर किनारे से निकलना चाहा लेकिन वे एक गड्ढे में गिरकर फंस गए और भीड़ ने उन्हें वहां से खींचकर बुरी तरह पीटना शुरू कर दिया।
आज़म को गाड़ी से बाहर खींच लिया गया, लात-घूंसे मारे गए, पत्थरों, छड़ें और जो कुछ भीड़ पर हाथ मिला उनको मारा गया। घटना से आज़म का परिवार सदमे में है। आज़म के भाई भाई अकरम ने कहा, मेरा भाई एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर था, 2 साल अच्छे का पिता था। वे कैसे सोच सकते हैं कि वे अपहरणकर्ता थे?
भीड़ द्वारा जिन युवकों पर हमला किया गया उनमें गूगल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर मोहम्मद आज़म अहमद और एक कतर के नागरिक भी शामिल हैं। भीड़ ने चारों युवकों को बच्चा चोर गिरोह का सदस्य मान लिया था।

औराद पुलिस स्टेशन के क्षेत्र में यह घटना हुई, वहां के एक अधिकारी ने बताया कि वॉट्सऐप के तीन एडमिन को मामले में गिरफ्तार किया गया है जिन्होंने ऐसे फोटो और मैसेज भेजे जिनमें चारों युवकों को बच्चा चोर कहा गया था।
औराद तालुक के मुरकी गांव में एक स्कूल के पास वे चाय पीने के लिए रुके तो उन्होंने बच्चों को घर जाते देखा। उन्होंने विदेशी चॉकलेट बच्चों को दी जिसे वह अपने साथ लाये थे। इस बीच, किसी ने ऐसी अफवाह उड़ा दी कि अजनबी बच्चों को चॉकलेट देकर ललचा रहे हैं और लोग वहां तुरंत इकट्ठा होना शुरु हो गए।
मनोज कुमार बिरदार ‘मुर्की मां’ नामक व्हाट्सएप समूह के एडमिन हैं, मुर्की इस क्षेत्र के गांवों में से एक हैं, जबकि 22 वर्षीय अमर पाटिल ने आरोप लगाया है कि हत्या के लिए कुल 28 आरोपियों के बीच संदेश दिया गया था।