सैंकड़ों प्रदर्शनकारियों की हत्या के आरोपों से हुस्नी मुबारक बरी

मिस्र की एक शीर्ष अपील अदालत ने शनिवार को देश के पूर्व राष्ट्रपति होस्नी मुबारक को साल 2011 की क्रांति के दौरान सैकड़ों प्रदर्शनकारियों की हत्या में संलिप्तता नहीं पाए जाने के चलते उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया।

2011 में हुई क्रांति की वजह से 30 वर्षों तक मिस्र पर राज करने के बाद मुबारक सत्ता से बाहर हो गए थे। गुरुवार को सुनवाई के बाद न्यायाधीश अहमद अब्देल क़वी ने की घोषणा की कि अदालत ने पाया है प्रतिवादी निर्दोष है।

 

अदालत ने पीड़ितों के वकीलों की दीवानी अभियोग को दोबारा खोलने की मांग को खारिज कर दिया। यह मामला वर्ष 2011 का है जब तत्कालीन राष्ट्रपति होस्नी मुबारक के ख़िलाफ़ प्रदर्शन हो रहे थे और 900 प्रदर्शनकारी मारे गए थे।

इसके अगले माह ही मुबारक सत्ता से हट गए थे। उन्होंने कहा कि साल 2012 में उनको आजीवन कारावास की सजा दी गई थी, लेकिन अदालत में अपील करने के बाद उन आरोपों से बरी हो गए थे।

 

88 साल के मुबारक ने साल 2011 में गिरफ्तारी के बाद से एक सैन्य अस्पताल में अपना समय गुजारा है। स्ट्रेचर पर गुरुवार को वे अदालत पहुंचे। जनवरी 2016 में अपीलीय अदालत ने भ्रष्टाचार के आरोपों पर मुबारक और उनके दो बेटों को तीन साल की जेल की सजा को बरकरार रखा था लेकिन दोनों बेटों अला और जमाल को भी अदालत ने रिहा कर दिया।