बेंगलूरू। पिछले साल जुलाई में खाड़ी देश सऊदी अरब में फैमिली टैक्स या आश्रित फीस लागू होने के बाद से स्वदेश लौटने के लिए मजबूर हुए हैं और जॉब के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। नवभारत टाइम्स में छपी खबर के अनुसार, फैमिली टैक्स लागू होने के बाद खाड़ी देशों में रह रहे या काम कर रहे हजारों भारतीय कामगारों को स्वदेश लौटने के लिए बाध्य होना पड़ा है।
इनमें से ज्यादातर कामगार तटीय कर्नाटक, दक्षिण कन्नड़ के रहने वाले हैं। इस टैक्स के लागू होने के बाद उनकी आय बहुत प्रभावित हो गई थी। सऊदी अरब में नौकरियों में स्थानीय लोगों को बढ़ावा देने, वैध विदेशियों की संख्या को सीमित करने तथा विदेशियों के अवैध प्रवास को रोकने के लिए फैमिली टैक्स लागू होने से पहले सऊदी अरब एक टैक्स फ्री देश था।
आंकड़ों मुताबिक वहां रह रहे कुल 1200 परिवारों में से कम से कम 500 परिवारों को खाड़ी देशों से लौटना पड़ा है और अब वे यहां पर अपनी गृहस्थी फिर से बसाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।
सऊदी अरब ने अपने यहां रह रहे विदेशी लोगों पर आश्रित फीस लागू किया है। तेल की कीमतों में भारी कमी के बाद सऊदी अरब ने पिछले साल के बजट में विदेशियों पर आश्रित फीस लगाया है।
जुलाई 2018 में आश्रित फीस को एक व्यक्ति के लिए 200 रियाल कर दिया गया और जुलाई 2019 में यह फीस बढ़कर 300 रियाल हो जाएगी। इसी तरह से जुलाई 2020 में यह फीस 400 रियाल हो जाएगी।