नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की सैंकड़ों वक्फ इबादतगाहों, मदरसों और इमाम बारगाहों को इस समय बड़ी राहत मिली जब सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर सुनवाई करते हुए न सिर्फ फैसले पर स्टे दिया बल्कि राज्य सरकार को नोटिस भी जारी किया और उस पर जवाब मांगा।
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सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर पक्ष जमीअत उलेमा ए हिन्द के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने अपनी ख़ुशी का इज़हार किया और उम्मीद ज़ाहिर की है कि अंतिम फैसला भी वक्फ के पक्ष में आएगा। मामला यह है कि वक्फ की जमीन पर बना एक मदरसा और मस्जिद में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की इजाजत को लेकर दर्ज मुकदमा में इलाहबाद हाईकोर्ट के जस्टिस सुधीर अग्रवाल ने दायरे से हट कर के जो अजीब व गरीब फैसला दिया था जिससे वक्फ की पर निर्मित सभी इबद्गाहों, मदरसों और इमाम बरगाहों के वजूद को खतरा हो गया था।
उसके बाद इस फैसले को जमीअत उलेमा ए हिन्द ने सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया जिस पर जस्टिस जोज़फ़ कोरियन, जस्टिस शांतानो गोडार और जस्टिस नवीन सिन्हा वाली तीन सदसीय बेंच के रूबरू सुनवाई हुई। सुनवाई के बीच अदालत ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले पर स्टे दे दिया।