‘गोरखा जनमुक्ति मोर्चा की धमकियों से मैं नहीं डरने वाली’

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वो गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के किसी भी धमकी से नहीं डरने वालीं। उन्होंने सोमवार को कहा कि वो जीजेएम की धमकियों से नहीं डरने वाली क्योंकि वो हिंसा उत्पन्न करने का बाद भाग जाएंगे।

ममता बनर्जी ने कहा, “मैं धमकियों के आगे झुकने वाली नहीं हूं। अगर मुझे धमकाया जाता है, तो मुझे पता है कि कैसे काम किया जाता है। क्या आपने नहीं देखा है कि कैसे उन्होंने (जीजेएम ने) मुझे दार्जिलिंग में डराने की कोशिश की। वे मुझे पहाड़ी क्षेत्र में पहुंचने नहीं देंगे लेकिन मैं वहां गई, बैठकें की और शांति बनाई।”

इसके बाद उन्होंने कहा, “वे दो दिन बम फेंकेंगे और आप देखेंगे कि फिर भाग जाएंगे। लोग वहीं रहेंगे। पहाड़ी क्षेत्र के लोग बहुत अच्छे हैं। गुंडे कभी भी देश की संपत्ति नहीं हो सकते।” उन्होंने इसके आगे कहा, “लोग बाहरी लोगों की बातों में आकर हिंसा में शामिल नहीं हों। कुछ लोग गांवों में अफवाहें फैला रहे हैं। वे कह रहे हैं कि यदि बिजली की लाइने लगाई गईं तो भ्रूण मां के गर्भ में नष्ट हो जाएंगे और फसलें नष्ट होंगी।”

उन्होंने यह भी कहा, “मैं नहीं जानती कि किस दिमाग में ये विचार उभरे हैं। यदि वहां बिजली नहीं तो सिंचाई व्यवस्था कैसे की जाएगी? कैसे अनाज का उत्पादन होगा? बच्चे कैसे पढ़ेंगे? आपको यह दिमाग में ध्यान रखना होगा?”

उल्लेखनीय है कि गोरखा मुक्ती मोर्चा सोमवार से उत्तरी पश्चिम बंगाल पहाड़ी क्षेत्र में एक अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर बंद का आह्वान किया है। बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार ने हाल ही में एक अधिसूचना जारी की है जिसमें सारे स्कूलों में बांग्ला भाषा पढ़ाना अनिवार्य किया गया है।

इसके बाद गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने दार्जिलिंग और कलिम्पोंग जिलों में विरोध प्रदर्शन किए हैं। इस मामले में ममता बनर्जी और विमल गुरुंग के बीच तनाव जारी है। हालांकि, ममता बनर्जी ये स्पष्टीकरण दे चुकी हैं कि पहाड़ी क्षेत्रों के लिए ये आदेश अनिवार्य नहीं है बल्कि वो चाहे तो उसे चुन सकते है इसकी उन्हें आजादी है। लेकिन गोरखा जनमुक्ति के नेता इसके लिए तैयार नहीं है।