मानव बम के आरोपों से रिहा हुई सादिया, कहा- मैं पीछे मुड़ कर देखना नहीं चाहता, पढाई जारी रखना चाहती हूँ-

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पुणे की नाबालिग लड़की के मानव बम होने की सूचना गलत साबित होने के बाद उसे छोड़ दिया है। 18 वर्षीय छात्रा को गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले इंटेलिजेंस इनपुट मिलने के बाद पकड़ा गया था। हालांकि, जांच में पता चला था कि वह नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन लेने आई थी। प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए उसने कहा है कि वह अपने अतीत में “पीछे देखना नहीं चाहती ” और अपनी शिक्षा जारी रखना चाहती है ।

बता दें की पुलिस ने इस पूरी कार्रवाई के पीछे इंटेलिजेंस इनपुट्स को गलत मतलब निकाला जाना वजह बताया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को छात्रा अपनी मां के साथ पुणे के लिए रवाना हो गई। छात्रा की मां एक हफ्ता पहले ही घाटी आई थीं। सूत्रों के मुताबिक, छात्रा से लगभग 10 दिन पूछताछ हुई लेकिन उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि छात्रा के ऊपर लगे सभी आरोप गलत साबित हुए, इसलिए उसे जाने दिया गया।

गौरतलब है कि छात्रा को गिरफ्तार किए जाने के वक्त ही कश्मीर रेंज आईजी मुनीर खान ने कहा था कि पूरी जांच होने से पहले छात्रा को मानव बम कहना सही नहीं है। महाराष्ट्र पुलिस ने कहा था कि छात्रा के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं है।

पुलिस को दिए गए बयान में छात्रा ने बताया कि वह जम्मू-कश्मीर में पढ़ाई के लिए आई थी, क्योंकि 2015 में दाइश कट्टरपंथी के साथ ऑनलाइन चैट का खुलासा होने के बाद वह पुणे में पढ़ाई जारी नहीं रख सकी। दरअसल, छात्रा के बारे में पुलिस को दो साल पहले जानकारी मिली थी जब वह श्रीनगर स्थित दाइश आतंकवादियों के संपर्क में आई थी। हालांकि, काउंसलिंग के बाद उसमें सुधार होने लगा था।