इस्लामिक स्कॉलर डॉ जाकिर नाइक ने एक इंटरव्यू में उन विवादों के बारे में बात की है जो उनको घेरे हुए हैं और कैसे भारत सरकार ने मीडिया के ज़रिए उनकी गलत छवि पेश की है।
कुवैत सरकारी टीवी चैनल केटीवी अल मजलिस को दिए इंटरव्यू में नाईक ने कहा कि पिछले साल ढाका में आतंकवादी हमले के बाद भारत सरकार ने उन्हें और उनके संगठन खलनायक के तौर पर पेश किया।
जाकिर नाईक ने दावा किया कि यदि वह अपने वीडियो के ज़रिए आतंक की योजना बना रहे होते या किसी को उकसाने की कोशिश कर रहे थे, जो पिछले 10-15 सालों में उनपर एक्शन क्यों नहीं लिया गया?
उन्होंने कहा, ‘यह चौंकाने वाला है कि कई बार भारत सरकार ने मुझे नेशनल एकेडमी ऑफ हैदराबाद में धर्म पर लेक्चर देने के लिए आमंत्रित किया था।
नाईक ने सीएम योगी की ओर इशारा करते हुए कहा कि भारत में लोकतंत्र की स्थिति ऐसी है कि मुस्लिम महिलाओं की कब्र खोदकर लाशों से बलात्कार करने के लिए कहने वाला सबसे बड़े राज्य का मुख्यमंत्री बन गया है।
उन्होंने कहा कि भारतीय पुलिस उन्हें प्रताड़ित करना चाहती है। उन्होंने कहा कि भारतीय कानून किसी भी धर्म के विचारों का प्रचार-प्रसार करने की अनुमति देता है।
नायक ने कहा, ‘मैंने कानून को नहीं तोड़ा है।

उन्होंने कहा कि मुस्लिम व्यक्ति को जनता में पीट-पीट कर मार दिया लेकिन हत्या की जांच करने के बजाय जब्त मांस गौमांस था या नहीं, यह जांच की जा रही थी।