IAS और IPS में अभी भी मुसलमानों की संख्या बहुत कम: रिपोर्ट

सच्चर समिति की कई सिफ़ारिशों में से एक सिफ़ारिश ये थी कि सिविल सर्विसेज में मुसलमानों की संख्या बढे. आईएएस और आईपीएस अधिक होना मुसलमान समाज के लिए फ़ायदेमंद होगा जबकि ऐसा ना होने पर उनकी मुश्किलात बड़ी रहती हैं. सच्चर समिति की रिपोर्ट आ जाने के दस साल बाद भी ऐसा कुछ नहीं हुआ है जिससे मुसलमानों में कोई संतुष्टि की भावना पैदा की जा सके बल्कि हालात या तो जस के तस हैं या उससे ख़राब. 2006 में जब ये रिपोर्ट सबमिट की गयी थी तो मुसलमान आईपीएस अफ़सर 128 थे जो 4% हुआ जबकि इस साल ये सिर्फ़ 120 हैं जो कि महज़ 3.19% है. अंग्रेज़ी ख़बर वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस में छपी ख़बर के मुताबिक़ आईएएस में ये संख्या कुछ बढ़ी है. 2006 में जो प्रतिशत 3 था अब 3.32% हो गया है.