IB का खुलासा- GJM चीफ गुरुंग दार्जिलिंग में घुसने के लिए लोगों को बना सकता है ढाल

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में अलग गोरखालैंड की मांग कर रहे गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष बिमल गुरुंग एक बार फिर दार्जिलिंग आने की तैयारी में है। IB के सूत्रों ने शनिवार को बताया कि गुरुंग 30 अक्तूबर तक दार्जिलिंग में वापसी करने की तैयारी कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक गुरुंग अभी अपनी पार्टी में किसी बदलाव के खिलाफ है।

भगोड़ा घोषित किए गए जीजेएम (गोरखा जनमुक्ति मोर्चा) के प्रमुख बिमल गुरुंग आसानी से हार मानने वाले नहीं है।वह अभी भी इसी पर यकीन रखते हैं कि उन्होंने पहाड़ी की सत्ता को हिलाकर रख दिया। वह दार्जिलिंग में लोगों के सामने आकर यह बताने के लिए बेताब हैं कि उन्हें बलि का बकरा बनाया गया है क्योंकि वह गोरखालैंड के लिए लड़ रहे हैं।सूत्रों का कहना है कि गिरफ्तार होने से पहले वह लोगों के बीच एक शहीद जैसी छवि बनाना चाहते हैं।

याद रहे के पश्चिम बंगाल पुलिस ने शुक्रवार को लगभग 170 हथियारबंद गोरखालैंड कार्यकर्ताओं से निपटने के लिए महज 20 पुलिसकर्मियों को भेजा था। पुलिस वालों के पास न तो बुलेटप्रूफ जैकेट थी और न ही हेडगियर दिए गए थे। खुफिया विभाग ने राज्य पुलिस को इस बाबत चेतावनी भी दी है।

गुरुंग एक हथियार मामले में दार्जिलिंग और असम पुलिस की वांटेड लिस्ट में है। पुलिस का मानना है के गुरूंग गोरखालैंड पर्सनल फोर्स सदस्य उमेश कामी से पांच साल तक संपर्क में रहे। सीआईडी ने शनिवार को तीन बिजनसमैन के बैंक अकाउंट को भी जब्त किया है जो गुरुंग गुट के लिए फंडिंग करते थे।

गुरुंग अगस्त महीने से ही लापता हैं जब पश्चिम बंगाल सरकार ने दार्जीलिंग और उससे आस पास के इलाकों में कई बम धमाकों में कथित संलिप्तता के चलते उसके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज करवाया था।