आइसलैंड सरकार का पुरुषों के खतना पर प्रतिबंध लगाने की योजना, यहूदी और मुस्लिम नाराज़

आइसलैंड में एक मुस्लिम विद्वान ने पुरुषों के खतने पर प्रतिबंध लगाने के योजना को धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बताया है।

Facebook पे हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करिये

बीबीसी के अनुसार आइसलैंड की इस्लामिक कल्चर सेंटर के इमाम अहमद सिद्दीक ने बताया कि ख़तनों का चलन इस्लाम के मूलभूत विश्वासों में से एक हैं और इसे आपराधिक कार्य के रूप में घोषित करना पूरी तरह से गलत है। बता दें कि यहूदी समूहों ने भी इस परियोजना का विरोध किया है।

आइसलैंड के संसद में प्रस्तुत इस कानूनी मसौदे के तहत किसी भी धार्मिक या सांस्कृतिक कारण से खतना कराने वाले को छह साल तक कैद की सज़ा हो सकती है। इस कानून के समर्थक इस प्रक्रिया की तुलना महिलाओं के खतने से करते हैं और उसे लड़कों के अधिकारों का उल्लंघन बताते हैं।

संयुक्त राष्ट्र के नियमों के तहत कई देशों में लड़कियों के खतने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। आइसलैंड में इस्लामिक कल्चर सेंटर के सदस्य इमाम अहमद सिद्दीक ने कहा कि दरअसल यह हमारी आस्था का हिस्सा है। यह हमारे धर्म से संबंधित है और हम मानते हैं कि यह उसका उल्लंघन है। आइसलैंड पुरुषों की खतना पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला यूरोपीय देश होगा।