वायरल: इदरीस सफाई कर्मचारी थे, लेकिन बेटियों को कभी नहीं बताया कि वे क्या करते हैं…

नई दिल्ली: मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट जीएमबी आकाश का एक फेसबुक स्टेटस सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

इसमें लिखा है, “मैंने अपने बच्चों को कभी नहीं बताया कि मैं क्या करता हूं। मैंने कभी नहीं चाहता था कि उन्हें इसके बारे में पता चले क्योंकि उन्हें भी मेरी तरह शर्मिंदगी महसूस होगी।”

I never told my children what my job was. I never wanted them to feel ashamed because of me. When my youngest daughter…

Posted by GMB Akash on Saturday, May 6, 2017

यह कहानी इदरीस नाम के उस व्यक्ति की है जो साफाई कर्मचारी था और जिसने पाई-पाई जोड़कर अपनी बेटी को परवरिश की और पढ़ाया। इस मर्मस्पर्शी कहानी को अब तक एक लाख से अधिक लोग शेयर कर चुके है। इसे 6 मई को पोस्ट किया गया था।

इस पोस्ट में लिखा गया है कि इदरीस ने कैसे अपनी बेटियों को पढ़ाने के लिए हाड़तोड़ मेहनत की। लेकिन उन्होंने ये कभी नहीं बताया कि वो एक सफाई मजदूर थे और घर पहुंचने से पहले सार्वजनिक शौचालय में स्नान कर घर पहुंचते थे।

इदरीस बताते हैं, “मैं चाहता था कि मेरे बच्चे सम्मान के साथ दूसरों के सामने खड़े हों। मैं नहीं चाहता था कि कोई उन्हें नीचा दिखाए। जैसा कि मुझे प्रतिदिन देखना पड़ता था। लोग हमेशा मुझे अपमानित करते थे।”

वे बताते हैं कि एक दिन मैंने अपने पेशे के बारे में अपनी बेटियों को बता दिया। वो दिन मेरी बेटी की कॉलेज की फीस जमा करने का आखिरी दिन था। लेकिन पैसे का इंतजाम नहीं हो पाया था। यह सोचकर कि अपनी बेटी को वो क्या बताएगें, उन्होंने उस दिन काम पर नहीं जाने का फैसला किया।

इदरीस बताते हैं कि सौभाग्य से उस दिन उनके एक दोस्त ने अपनी मजदूरी उन्हें दे दी। लेकिन उन्होंने लेने से इंकार कर दिया, तब उनके दोस्त ने कहा, “यदि जरूरत हुई तो हम दोनों भूखे रह लेंगे। लेकिन बेटी को स्कूल जाना चाहिए।”

वे कहते हैं कि उस दिन मैं दिनभर नहा नहीं पाया और सफाई मजदूर की तरह घर पहुंचा। तब तक उनकी मेहनत सफल हो गई थी।

हालाँकि सभी बेटियों की शिक्षा पूरी होने वाली है और वे सभी अब पार्ट टाइम जॉब करके घर का खर्च चलाने लगी हैं। अब इदरीस को सफाई का काम करने नहीं जाना पड़ता।

इदरीस उनलोगों का शुक्र अदा करते हैं जिन्होंने उनकी बेटियों की पढ़ाई में मदद की।

इदरीस ने बताते हैं कि अब उनकी बेटी मेरे सभी साथियों को घर से खाना ले जाकर खिलाती है। लेकिन जब उनके दोस्त उनकी बेटी से पूछते हैं कि वह उन्हें क्यों खिलाती है तो वो कहती है, “आज मैं जो कुछ भी हूं, आप सभी की बदौलत हूं। भगवान से प्रार्थना करती हूं कि मुझे आप सभी को हर दिन इसी तरह खिलाने का मौका मिले।”