नई दिल्ली। जस्टिस कोल्से पाटिल ने यहां ‘किस किस को कैद करोगे ‘ कार्यक्रम में कहा कि कार्यकर्ताओं की आधारहीन गिरफ्तारी के खिलाफ इसका आयोजन किया गया है।
उन्होंने राइट विंग के सम्बन्ध में कहा कि उनकी गतिविधि लोकतंत्र और संविधान के विपरीत है। वो अधिकारों के लिए लड़ने वालों पर हमला करते हैं। देश में वर्तमान स्थिति आपातकालीन के समान है।

कैदियों की रिहाई का आह्वान करते उन्होंने कहा कि गुजरात दंगों में शामिल होने के लिए शाह और मोदी जेल में होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि अगर किसी को गिरफ्तार किया जाना चाहिए, तो यह मोदी और अमित शाह होना चाहिए। उन्होंने याद किया कि कैसे साहसी पत्रकार राणा अयूब ने सच्चाई का पता लगाया।
न्यायमूर्ति कोल्से ने आरोप लगाया कि यदि आप सावरकर, गोलवारकर पढ़ते हैं, तो आप समझेंगे कि वे (ऊपरी जाति) शासक हैं और हम (निचली जाति) इसके नागरिक हैं।
न्यायमूर्ति पाटिल ने कहा कि मोदी शासन के तहत आपातकालीन अव्यवस्था है। देश में अव्यवस्थित आपातकाल है। जो भी इस शासन के खिलाफ खड़े होने की हिम्मत करता है उसे जेल में फेंक दिया जाता है।
स्वतंत्रता आंदोलन (आरएसएस) का विरोध करने वाले लोग अब शो चला रहे हैं। जब तक हम एकजुट नहीं हो जाते, हम इन ताकतों से लड़ नहीं सकते हैं।