मुफ़्ती एजाज़ कासमी को बाहर न किया गया तो मुसलमानों में पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रति बदगुमानी पैदा होगी

नई दिल्ली: जी हिंदुस्तान के टीवी डिबेट के दौरान मौलाना एजाज़ अरशद कासमी ने नबी सअ की अख्लाकी शिक्षा का नमूना पेश करने का सुनहरा मौक़ा बर्बाद कर दिया। फरह फैज़ ने जब मौलाना से बदतमीजी की तो मौलाना को बर्दाश्त का प्रदर्शन करना चाहिए, वह अगर ऐसा करते तो दुनिया के स्सामने एक मिसाल कायम होती।

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यह बात प्रधानमंत्री के करीबी समझे जाने वाले जफर सरेश वाला ने रोजनाम खबरें से बात करते हुए कही। जफर सरेश वाला ने कहा कि मौलाना एजाज़ अरशद कासमी गंभीर विचार के मानने वाले हैं, मैं उनको पिछले आम चुनाव से जानता हूँ, जबकि गुजरात में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से मौलाना साजिद रशीदी आदि के साथ मिलने आए थे और उन्हें पूरे समर्थन का यकीन दिलाया था, उसके बाद प्रधानमंत्री बनने के बाद भी दिल्ली में नरेंद्र मोदी से मेरे साथ मिले।

प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता और कई संस्थानों से जुड़े और ताजातरीन रेडियो के एडीटर शाहनवाज़ बदर कासमी ने मौलाना एजाज़ अरशद कासमी के साथ महिला के जरिये बदतमीजी की कड़ी शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद के उस बयान के बाद कि टीवी पर मौलाना के महिला को थप्पड़ मारने के बाद लोगों को समझ लेना चाहिए कि सरकार महिलाओं के अधिकार की सुरक्षा को क्यों जरूरी समझती है, किसी साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता।