मोहम्‍मद अजहरुद्दीन पर पाबंदी नहीं लगती तो क्रिकेट के सबसे बड़े सितारे होते!

हैदराबाद के रहने वाले भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन आज 55 साल के हो चुके हैं। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज का जन्म 8 फरवरी 1963 को हुआ था। उनके पिता का नाम मोहम्मद अज़ीज़ुद्दीन और माता का नाम यूसुफ सुल्ताना है।

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मोहम्मद अजहरुद्दीन ने हैदराबाद के निजाम कॉलेज से बैचलर डिग्री प्राप्त की। इनकी दो शादियां हुई। अपने क्रिकेट के करियर में उन्होंने 99 टेस्ट और 334 वनडे मैच खेले।
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वनडे मैचों में अजहर ने 7 शतक और 58 अर्धशतकों की मदद से 9378 रन बनाए। टेस्ट मैचों में इस दिग्गज ने 22 शतक और 21 अर्धशतकों की मदद से 6215 रन बनाए हैं।

कहा जाता है, अगर अज़हर पर पाबंदी नहीं लगती तो हम उनकी गिनती सचिन तेंदुलकर, सुनील गावस्कर, राहुल द्रविड़ जैसे बल्लेबाज़ों के साथ करते. लेकिन उनका नाम जब फ़िक्सिंग से जुड़ा तो ये संभव नहीं रहा, हालांकि वे दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाज़ों में शामिल थे।

वैसे कप्तान के तौर पर अज़हरूद्दीन सलीके वाले कप्तान थे, वे लोगों से आत्मीय ढंग से पेश आते थे। वे अपने खिलाड़ियों के साथ भी ऊंचा नहीं बोलते थे।

वे मैदान के बाहर भी अपने खिलाड़ियों के साथ ज़्यादा घुलते मिलते नहीं थे, उनका कहना था कि सभी खिलाड़ी मैच्योर हैं और उन्हें ऑफ़ फ़ील्ड जो करना है, करने दीजिए।

साल 2000 में मोहम्मद अजहरुद्दीन मैच फिक्सिंग के कारण वे विवादो के घेरे में आ गए थे। जिसके जरिए उनका क्रिकेट का करियर खत्म हो गया। उन पर दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान हंसी क्रोनिए ने आरोप लगाया कि अजहर ने उन्हें एक बुकी से मिलाया था।

इस के कारण आईसीसी और बीसीसीआई ने उनके करियर को खत्म कर दिया। वे दुनिया के पहले खिलाड़ी हैं जिन्हें मैच फिक्सिंग की वजह से बैन किया गया, लेकिन साल 2012 में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने उनकी बैन लाइफ हटा दी।

मोहम्मद अजहरुद्दीन की दो शादियां हुई थी। उनकी पहली शादी नौरीन से हुई। पहली पत्नी से अजहर के दो बेटे हुए जिनके नाम असद और अयाज है। 9 साल बाद किसी कारण से इनका तलाक हो गया। फिर साल 1996 में दूसरी शादी फेमस मॉडल और बॉलीवुड अभिनेत्री संगीता बिजलानी से हुई।

बतौर कप्तान तीन बार वर्ल्ड कप में भारत की कप्तानी संभाली
साल 1990 में मोहम्मद अजहरुद्दीन को भारतीय टीम का कप्तान घोषित किया गया। उन्होंने 1992, 1996 और 1999 के वर्ल्ड कप में भारत की कप्तानी संभाली। इससे पहले बतौर कप्तान कपिल देव और श्रीनिवास वेंकटराघवन ने 2-2 बार वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का नेतृत्व किया था।

मोहम्मद अजहरुद्दीन ने अपनी कप्तानी में भारत को 14 टेस्ट और 103 वनडे मैच जिताए थे। ये रिकॉर्ड काफी लंबे समय तक उनके नाम से जुड़ा रहा। इसके साथ वे एक कमाल के फिल्डर भी थे। अंतरराष्‍ट्रीय क्रिकेट में अजहर ने टेस्‍ट मैच में 105 और वनडे में 156 कैच लिए।

1989 में भारतीय क्रिकेट टीम पाकिस्तान के दौरे पर गई थी। पहला टेस्ट मैच कराची में खेला गया था और सचिन तेंदुलकर इस मैच में डेब्यू कर रहे थे। मैच ड्रॉ पर खत्म हुआ था। भारत ने टॉस जीतकर पाकिस्तान को पहले बल्लेबाजी का न्योता दिया था।

पाकिस्तान ने पहली पारी में 409 रन बनाए थे। 10 में से पांच विकेट में अजहर का हाथ रहा और उन्होंने एक ही पारी में पांच शानदार कैच लपके। अजहर ने आमेर मलिक, शोएब मोहम्मद, सलीम मलिक, जावेद मियांदाद और वसीम अकरम का कैच लपका था। उस समय अजहर ने एक पारी में पांच कैच लपकने के वर्ल्ड रिकॉर्ड की बराबरी की थी।

मोहम्मद अजहरुद्दीन ने अपनी पहली टेस्ट सीरिज में तीन मैचों में लगातार शतक बनाए। साल 1984 में इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में 110 रनों की पारी खेली। अगले ही मैच में फिर 105 रन बनाए, कानपुर में तीसरे टेस्ट में भी उन्होंने 112 रन ठोके।

अजहरुद्दीन ने 19 फरवरी 2009 को कांग्रेस पार्टी से नाता जोड़ा। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद लोकसभा से जीत हासिल की। इसके बाद साल 2014 में उन्होंने टोंक सवाई माधोपुर से चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

उनके नाम साल 2016 में फिल्म बनी। जिसका नाम अजहर रखा गया था। इस फिल्म में अजहरुद्दीन का किरदार इमरान हाशमी ने निभाया। फिल्म में नौरीन की भूमिका प्राची देसाई और संगीता बिजलानी का किरदार नरगिस फाखरी निभाया था। फिल्म का निर्देशक टोनी डिसूजा ने किया। जिसमें अजहर की निजी जिंदगी और खेल जीवन को बखूबी दर्शाया गया।