‘अगर सेक्युलरिज्म पर नाज़ है तो बाबरी मस्जिद उसी जगह पर निर्माण की जाए’

नई दिल्ली: सुप्रीमकोर्ट में बाबरी मस्जिद विवाद के संबंध में सुनवाई जारी रहेगी जहां विभिन्न पक्ष अपने तर्क पेश करेंगे। गौरतलब है कि सुप्रीमकोर्ट बाबरी मस्जिद की जगह को तीन भाग करने के संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील के 13 याचिकाओं की सुनवाई कर रही है। इस से पहले सुप्रीमकोर्ट ने इस मुकदमा में हस्तक्षेप की 32 याचिकाओं को ख़ारिज कर दिया है।

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शुक्रवार के दिन बाबरी मस्जिद मालिकाना विवाद की सुनवाई सुप्रीमकोर्ट की तीन सदसीय बेंच के सामने प्रकिर्या में आई, जिसके दौरान मुस्लिम संगठनों की ओर से सबसे पहले जमीअत उलेमा ए हिन्द के वकील डॉक्टर राजीव धवन ने अदालत के सामने अपने तर्क पेश करते हुए बाबरी मस्जिद को उसी जगह पर निर्माण किये जाने पर जोर दिया।

उन्होंने तर्क में कहा कि ‘बाबरी मस्जिद को बदमाशों ने नहीं बल्कि भाजपा के लोगों ने ध्वस्त कराया है। इस लिए अगर हमें भारतीय सेक्युलरिज्म पर नाज़ है तो मस्जिद उसी जगह पर दोबारा निर्माण कर देनी चाहिए।

आपको बता दें कि इस बहस से जमीअत उलेमा के हिन्द के महासचिव मौलाना अरशद मदनी ने इत्मिनान ज़ाहिर किया है। उन्होंने कहा है कि मुझे विश्वास है कि मामले की गंभीरता को समझते हुए इस मामले को उचच बेंच में भेजा जाएगा।