इस्तांबुल। अमेरिका के साथ तनाव गहराने से तुर्की की मुद्रा लीरा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 16 प्रतिशत गिरकर नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गई।
हालांकि, तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन का दावा है कि इस आर्थिक युद्ध में तुर्की निश्चित तौर पर विजेता बनकर उभरेगा।
उन्होंने कहा, यदि आपके पास डॉलर, यूरो या सोना है तो उन्हें बैंक में जाकर लीरा से बदलिये। यह राष्ट्रीय संघर्ष है। यह उन लोगों को हमारा जवाब होगा जिन्होंने युद्ध शुरू किया है।’ एर्दोगन ने कहा, यदि उनके पास डॉलर है तो हमारे साथ अल्लाह है।
मुद्रा का यह संकट ऐसे समय आया है जब तुर्की का अमेरिका के साथ संबंध 1974 के बाद के सबसे बुरे दौर में है। संबंधों में सुधार के भी फिलहाल कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं।
तुर्की के इस मुद्रा संकट ने वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारों पर भी असर डाला है। कुछ यूरोपीय बैंक तुर्की को दिए भारी कर्ज के कारण इस संकट की चपेट में आ गए हैं।
एफएक्सटीएम के प्रमुख (मुद्रा रणनीति) जमील अहमद ने कहा कि पिछले 24 घंटे में हमने किसी मुद्रा में गिरावट की जो रफ्तार देखी है, मेरी याद से ऐसा इससे पहले 2014 में रूस की मुद्रा रूबल के साथ हुआ था।
इस संकट का असर वाल स्ट्रीट पर भी देखने को मिला। पिछले दिवस डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज, एसएंडपी500 और नासडैक सभी गिरावट के साथ बंद हुए।
हालांकि, अब तक इस बाबत लगभग चुप रहे एर्दोगन ने तुर्की के लोगों से इस मामले को अपने हाथों में लेने की अपील की है।