नई दिल्ली: इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी दिल्ली को गाय का गोबर, मूत्र, दूध, दही और घी के लाभों पर रिसर्च करने के लिए 50 से ज्यादा प्रस्ताव आ चुके हैं।
बुधवार को स्टेट मिनिस्टर ऑफ़ साइंसेज, टेक्नोलॉजी एंड अर्थ साइंसेज वाईएस चौधरी ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि सरकार के ‘स्वरोप’ कार्यक्रम के तहत आईआईटी दिल्ली में एक वर्कशॉप में विचार मंथन हुआ और कई प्रस्ताव मिले।
आपको बता दें की सरकार ने 19 सदस्यों की एक कमिटी बनाई है, जिसमें आरएसएस और वीएचपी के सदस्य भी शामिल किए गए हैं। जो गोमूत्र, गोबर और गाय से मिलने वाली हर चीज़ पर रिसर्च करेगी।
दरअसल केंद्र सरकार चाहती है कि गौमूत्र और गाय के गोबर से बनी चीजों को स्वास्थ्यवर्धक दवा के रूप में वैज्ञानिक मान्यता मिल जाए और अगले 3 साल में इसे पोषणयुक्त खाद और कृषि उपयोग के लिए मंजूरी दे दी जाए।
इससे पहले केंद्र सरकार ने गंगा जल और उसके औषधीय गुणों पर रिसर्च करने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने 4.96 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि को मंजूरी दी है। जिसपर नेशनल एन्वॉयरन्मेंट इंजिनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट रिसर्च कर रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है।