IIT कानपुर के चार प्रोफेसरों पर सहयोगी का उत्पीड़न के आरोप में SC-ST Act के तहत हुआ मामला दर्ज

आईआईटी कानपुर के चार प्रोफेसर पर एक दलित प्रोफेसर के साथ उत्पीड़न मामले में एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है. इशान शर्मा, संजय मित्तल, राजीव शेखर और सीएस उपाध्याय नाम के इन चार प्रोफेसरों के खिलाफ इंस्टीट्यूट के ऐयरोस्पेस डिपार्टमेंट के प्रोफेसर के साथ उत्पीड़न के आरोप में एफआईआर दर्ज किया गया है.

मामले की जांच कर रहे एसपी संजीव सुमन ने बताया कि इन चारों प्रोफेसर्स के अलावा आईआईटी धनबाद के निदेशक के खिलाफ भी मामला दर्ज हुआ है. आईआईटी कानपुर में बतौर प्रोपेसर पढ़ाने वाले सुब्रामण्यम सडरेला ने आरोप लगाया है कि संस्थान में नियुक्ति के बाद उनपर जातिगत टिप्पणी की गई और मंद बुद्धि बताया.

क्या है पूरा मामला?

दलित प्रोफेसर सडरेला के साथ उत्पीड़न का मामला 9 मार्च, 2018 को ही सामने आ गया था. इसके बाद आईआईटी के निदेशक ने एकेटीयू के कुलपति विनय कुमार पाठक की अगुवाई में तीन सदस्यीय टीम का गठन किया. इसके बाद आई रिपोर्ट पर बातचीत कर के दोनों पक्षों को सुलह करने की बात कही गई. लेकिन दोनों पक्षों में कोई बात नहीं बनी. जब इसकी जानकारी एससी आयोग को हुई तो उसने नोटिस भेज दिया.

बीते 10 अप्रैल 2018 को आईआईटी के कार्यवाहक निदेशक मनिन्द्र अग्रवाल व एयरो स्पेस के एचओडी प्रोफेसर एके घोष अनुसूचित जाति आयोग के समक्ष पेश हुए. इस पूरे मामले में आयोग ने कार्रवाई न होने पर नाराजगी जाहिर की और चारों प्रोफेसरों को सस्पेंड कर केस दर्ज कराने का आदेश दिया.