जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने तीन तलाक़ पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने शरीया और पर्सनल लॉ में कोई दखलंदाजी नहीं की है।
अहमद बुखारी ने अॉल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर हमला बोलते हुए कहा कि पर्सनल लॉ बोर्ड का हमेशा से दोहरा रवैया रहा है। उन्होंने कहा कि बोर्ड ने पहले कहा था कि एक बार में तीन तलाक़ शरीयत से जुड़ा हुआ है।
बाद में कहा कि एक बार में तीन तलाक़ सही नहीं है और ऐसा करने वालों के खिलाफ समाजिक बहिष्कार की जायेगी। वहीं ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड पर निशाना साधते हुए कहा कि बोर्ड के दोहरे रवैये ने मुसलमानों और शरिया का मजाक बना दिया है।
पूरे मामले में बोर्ड का रूख एक जैसा कभी नहीं रहा है। उन्होंने ये इल्ज़ाम लगाया कि इस मामले पर इन्होंने बोर्ड ने मुसलमानों और शरिया का मजाक बना दिया है।
जमा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुखारी ने कहा कि अदालत ने न तो मजहबी आजादी पर रोक लगाई और न ही शरीयत में कोई दखल दिया। अदालत ने वही बात कही है जो बोर्ड को कहनी चाहिए थी।
मुसलमानों के प्रतिनिधित्व करने का दावा किए जाने को लेकर भी मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर सवाल खड़े किए। अहमद बुखारी ने कहा कि पर्सनल लॉ बोर्ड बताए उनको किसने चुना है? वह सभी मुसलमानों का कैसे ठेकेदार बन गए हैं ?उन्होंने साफ़ कहा कि बोर्ड के दोहरे रवैये से मुसलमानों का नुकसान हुआ है।