नोटबंदी से विकास दर हुई चौपट, भारत अब नहीं रहा दुनिया की सबसे तेज अर्थव्यवस्था वाला देश

नोटबंदी लागू करने के बाद एक तरफ जहाँ मोदी सरकार बड़े-बड़े दावे कर रही थे, वहीँ दूसरी तरफ अर्थशास्त्रियों का अनुमान था कि इस फैसले की वजह से जीडीपी पर में कमी आएगी। अब अर्थशास्त्रियों का अनुमान सही साबित हो रहा है।

खबर है कि भारत की विकास दर में पिछले वित्तीय वर्ष में क़रीब एक प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। नोटबंदी के वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में देश की रफ्तार गायब हो गई। एक झटके में देश से दुनिया की सबसे तेज भागने वाली अर्थव्यवस्था का टैग छिन गया।

केन्द्र सरकार के आए जीडीपी आंकड़ों के मुताबिक, 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के फैसले से उस वित्त वर्ष के आखिरी तिमाही (जनवरी-मार्च 2017) की विकास दर चौपट हो गई है।

जहां सरकार को उम्मीद थी कि इस वित्त वर्ष में भी देश की जीडीपी 7 फीसदी से ऊपर की ग्रोथ दर्ज करने में सफल होगी, उसकी उम्मीद पर पानी फिर चुका है। देश एक बार फिर मध्यम से सुस्त जीडीपी ग्रोथ वाले देशों में शुमार हो गया है।

समाचार एजेंसी एएफ़पी के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में जनवरी से मार्च के बीच भी, पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले विकास दर गिर कर 6.1 प्रतिशत पर आ गई।