पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका के लिए कुछ नहीं करने संबंधी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नवीनतम बयान पर सोमवार को तीखी प्रतिक्रिया की और कहा कि अफगानिस्तान में अपनी विफलताओं के लिए पाकिस्तान को ‘बलि का बकरा’ बनाने के बजाय अमेरिका को यह पता लगाना चाहिए कि तालिबान पहले से भी अधिक मजबूत होकर क्यों उभरा है?
खान का बयान ऐसे समय में आया है जब एक दिन पहले ही ट्रंप ने यह कहते हुए पाकिस्तान को लाखों डॉलर की सैन्य सहायता रोकने के अपने प्रशासन के फैसले का समर्थन किया कि पाकिस्तान ने आतंकवाद पर अंकुश पाने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए।
Trump’s false assertions add insult to the injury Pak has suffered in US WoT in terms of lives lost & destabilised & economic costs. He needs to be informed abt historical facts. Pak has suffered enough fighting US's war. Now we will do what is best for our people & our interests
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) November 19, 2018
ट्रंप ने पाकिस्तान की इस बात के लिए भी आलोचना की कि उसने अलकायदा आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को अपने छावनी शहर एबटाबाद के समीप छिपने का ठिकाना उपलबध कराया।
Instead of making Pakistan a scapegoat for their failures, the US should do a serious assessment of why, despite 140000 NATO troops plus 250,000 Afghan troops & reportedly $1 trillion spent on war in Afghanistan, the Taliban today are stronger than before.
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) November 19, 2018
आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका की अगुवाई में लड़ाई में पाकिस्तान के रिकार्ड का बचाव करते हुए खान ने अपने ट्वीटों में कहा, पाकिस्तान के खिलाफ ट्रंप के बयान पर रिकार्ड को सीधा-सीधा सामने रखने की जरुरत है।
3. Our tribal areas were devastated & millions of ppl uprooted from their homes. The war drastically impacted lives of ordinary Pakistanis. 4. Pak continues to provide free lines of ground & air communications(GLOCs/ALOCs).Can Mr Trump name another ally that gave such sacrifices?
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) November 19, 2018
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका की लड़ाई में भाग लेने का फैसला किया जबकि 9/11 के हमले में कोई भी पाकिस्तानी शामिल नहीं था। उन्होंने कहा, इस लड़ाई में पाकिस्तान ने अपने 75,000 लोग गंवाएं और 123 अरब डॉलर से अधिक की बर्बादी हुई।
Record needs to be put straight on Mr Trump's tirade against Pakistan: 1. No Pakistani was involved in 9/11 but Pak decided to participate in US War on Terror. 2. Pakistan suffered 75,000 casualties in this war & over $123 bn was lost to economy. US "aid" was a miniscule $20 bn.
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) November 19, 2018
खान ने कहा कि इसके लिए अमेरिकी सहायता क्षुद्रमात्र थी. उन्होंने सुझाव दिया, अपनी विफलताओं के लिए पाकिस्तान को बलि का बकरा बनाने के बजाय अमेरिका को इस बात का गंभीर मूल्यांकन करना चाहिए कि अफगानिस्तान में 140,000 नाटो सैनिकों और 250,000 अफगान सैनिकों को लगाने तथा एक हजार अरब डॉलर खर्च करने के बाद भी तालिबान पहले से आज अधिक मजबूत है।
आर्थिक नुकसान के अलावा प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के कबायली इलाकों में अमेरिकी लड़ाई के प्रभावों को भी सामने रखा। उन्होंने कहा, हमारे कबायली क्षेत्र तबाह हो गये और लाखों लोग बेघर हो गये। इस लड़ाई ने आम पाकिस्तानियों की जिंदगी पर बहुत बड़ा असर डाला। उन्होंने कहा, पाकिस्तान भूतल और वायु संचार के लिए मुक्त लाइन प्रदान कर रहा है।
क्या श्रीमान् ट्रंप कोई और सहयोगी बता सकते हैं जिन्होंने ऐसा बलिदान दिया। इससे पहले पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन माजरी ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान की संदिग्ध भूमिका संबंधी ट्रंप की आलोचना पर हमला किया था। उन्होंने कहा था कि अमेरिका के राष्ट्रपति ‘‘सुविधानुसार लगातार ऐतिहासिक समृतिलोप’ से ग्रस्त हैं।