फिलिस्तीनियों की लाशों का जुलूस और अमेरिकी दूतावास का उद्घाटन

सोमवार को ट्रम्प ने अमेरिकी दूतावास को तिलवीव से यरूशलेम स्थानातरित करके फिलिस्तीनियों के अरमानों, सपनों और उम्मीदवारों का खून कर दिया और उनके इस कदम से शह पाकर यहूदी प्रधानमंत्री बिन्जामिन नितेनयाहू ने गाजापट्टी में 60 निहत्थे और बेगुनाहों फिलिस्तीनियों का खून कर दिया।

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गाजापट्टी के पश्चिमी किनारा और यरूशलेम में रहने वाले लाखों फिलिस्तीनियों का यह सपना है कि एक दिन उनका अपना छोटा सा खुद मुख़्तार देश होगा, जिसकी राजधानी पूर्वी यरूशलेम को इजराइल की राजधानी स्वीकार करने और अपने दूतावास को वहां स्थानातरित करने का ऐलान कर दिया था। लेकिन 13 मई को अपने इस फैसले पर अमल करके उन्होंने फिलिस्तीनियों का यह सपना चूर चूर कर दिया।

ट्रम्प की उस हरकत से इजराइल फिलिस्तीन विवाद के 2 राज्यिक समाधान का आशंका लगभग समाप्त हो गया है। अमेरिकी दूतावास की यरूशलेम में स्थानातरित दरअसल इस ओस्लो शांति अनुबंध के ताबूत आखिरी कील है, जिसपर 1993 में वाइट हाउस के हरेभरे लान पर बिल किलिंटन की नजरों के सामने यासिर अरफात और इसहाक राबन ने हस्ताक्षर किये थे।