अनहद की संस्थापक शबनम हाशमी समेत कई कार्यकर्ताओं ने लिया रिटायर्मेंट, युवा टीम संभालेगी संस्था

समाजिक कार्यकर्ता और अनहद (एक्ट नाऊ फॉर हर्मनी एंड डेमोक्रेसी) एनजीओ की संस्थापक शबनम हाशमी ने संस्था से रिटायमेंट ले लिया है। हालांकि उन्होंने कहा है कि एक ट्रस्टी के रूप में उनका काम आगे भी जारी रहेगा।

उन्होंने गुरूवार को कहा कि वे अपनी संगठन की अगुवाई के लिए चाहती हैं कि एक युवा टीम का गठन किया जाए जो नई उर्जा के साथ अनहद के कामों को आगे बढ़ाए।

बता दें कि शबनम हशमी ही नहीं है, वे सभी लोग भी जो पुरानी टीम में शामिल थे उन्होंने भी अनहद से रिटायमेंट ले लिया है। जिन लोगों ने फिलहाल एनजीओं को छोड़ा है उनमें समाजिक कार्यकर्ता हरश मंदर, लेखक आलोचक राम पूनियानी, गायक शुभा मुदगल, नावरीवादी कार्यकर्ता कमला भसीन के नाम शामिल हैं।

शबनम हाशमी ने बताया, “मैं अनहद को एक युवा टीम को सौप कर निकल रही हूं। ये टीम भी धर्मनिरपेक्षता की विचारधारा का पालन करेंगी। ये टीम भी उसी तरह कार्य करेगी जिस तरह मैंने किया। हालांकि, मैं अनहद से रिटायर होने जा रही हूं लेकिन वर्तमान सरकार में जिस तरह फासिस्ट बलों ने सर उठा लिया उसके खिलाफ मैं लड़ती रहूंगी।”

गौरतलब है कि शबनम हाशमी की संस्था को अनहद का विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम (एफसीआरए) को मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद कैंसिल कर दिया था। जून 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद केंद्र ने अनहद पर जांच बैठा दिया था।

नवंबर 2015 में दूसरी जांच का सामना संस्था को करना पड़ा। हालांकि 20 मार्च 2016 को अनहद का एफसीआए लाइसेंस पांच सालों के लिए रिन्यू कर दिया गया था, लेकिन 15 दिसंबर 2017 को अनहद के खिलाफ गृह मंत्रालय (एमएचए) की वेबसाइट की तिथि के आधार पर एक नोटिस जारी किया गया था। और सार्वजनिक हित के खिलाफ अवांछनीय गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाकर संस्था का लाइसेंस रद्द कर दिया गया था। नई टीम 16 जून से आधिकारिक रूप से काम करना शुरू करेगी।