ममता ने कराया था बुआ-बबुआ का मेल, शुक्रिया अदा करने खुद अखिलेश जाएंगे पश्चिम बंगाल

उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में जिस तरह से भाजपा के गढ़ में सपा के उम्मीदवारों ने जबरदस्त जीत दर्ज की है उसके बाद लगातार सपा-बसपा के बीच गठबंधन को लेकर चर्चा हो रही है। दोनों ही दल एक दूसरे के धुर विरोधी के तौर पर देखे जाते हैं, लेकिन बावजूद इसके दोनों दलों ने इस उपचुनाव में दोनों ही दलों के बीच गठबंधन हुआ और भाजपा के उम्मीदवारों को हार का मुंह देखना पड़ा। लेकिन बहुत ही कम लोगों को पता है कि सपा-बसपा के बीच गठबंधन के पीछे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का अहम योगदान है।

सपा नेता और पार्टी के उपाध्यक्ष किरणमय नंदा के अनुसार सपा-बसपा के बीच गठबंधन के पीछे ममता बनर्जी की काफी अहम भूमिका है। उन्होंने ही पहली बार अखिलेश यादव को यह सुझाव दिया था कि इस उपचुनाव में सपा को बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहिए। ममता बनर्जी का यह सुझाव सपा के लिए काफी कारगर साबित हुआ। जिस तरह से भाजपा लगातार तमाम राज्यों में मजबूत होती दिख रही थी और 2019 में कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा बिना किसी खास दिक्कत के फिर से सत्ता में आएगी, उसपर सपा-बसपा के गठबंधन ने कुठाराघात किया है।

किरणमय नंदा ने बताया कि ममता बनर्जी का तमाम सपा नेता, सदस्य और अखिलेश यादव कर्जदार हैं, उन्होंने ही सुझाव दिया था कि अखिलेश यादव को मायावती के साथ गठबंधन करना चाहिए। 2 दिसंबर 2017 को अखिलेश जी ने ममता बनर्जी से मुलाकात उनके घर पर की थी। इस दौरान ममता बनर्जी ने सुझाव दिया था कि मायावती के साथ गठबंधन करना चाहिए। शुरुआत में हम इससे हिचक रहे थे और हमने इसे लेकर किसी भी तरह का फैसला नहीं लिया, लेकिन हमने उनसे कहा था कि इसपर विचार किया जाएगा। ममता बनर्जी ने हमे बताया था कि आखिर कैसे मायावती के साथ गठबंधन करना चाहिए, आखिरकार हमने फैसला लिया।

नंदा ने कहा कि हम जल्द ही कोलकाता जाएंगे और अखिलेश यादव की ओर से ममता बनर्जी का शुक्रिया अदा करेंगे, उन्होंने पार्टी की जीत में काफी अहम भूमिका निभाई है, अखिलेश यादव भी बाद में ममता बनर्जी से मुलाकात करने के लिए जाएंगे। उपचुनाव के नतीजे आने के बाद ममता बनर्जी ने ट्वीट करके लिखा था, जबरदस्त जीत, यूपी उपचुनाव में जीत के लिए अखिलेश और मायावती को बधाई, अंत की शुरुआत हो चुकी है।

बसपा के साथ गठबंधन के सवाल पर नंदा ने कहा कि हमने इसलिए यह गठबंधन किया क्योंकि जनता यह चाहती थी, यही वजह है कि अखिलेश यादव मायावती के आवास पर बुधवार को गए थे। वहीं टीएमसी के नेता ने कहा कि उत्तर प्रदेश में ही चुनाव पूर्व गठबंधन बाकी था, आगामी 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां का गठबंधन काफी अहम साबित होगा।